जब भी किसी बड़ी कंपनी की बात होती है, तो वहां काम करने वाले टॉप पदों के नाम अक्सर चर्चा में रहते हैं. खासकर CEO, CTO और CFO- इन तीन पदों को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा भ्रम होता है. बहुत से लोग सोचते हैं कि ये तीनों एक जैसे काम करते हैं या फिर इनमें कोई खास फर्क नहीं होता. जबकि सच्चाई यह है कि ये तीनों पद अलग-अलग जिम्मेदारियों के लिए बने होते हैं और कंपनी की सफलता में हर एक की भूमिका बेहद अहम होती है.

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अगर आप कॉरपोरेट दुनिया को समझना चाहते हैं या भविष्य में किसी बड़ी कंपनी में लीडरशिप रोल का सपना देख रहे हैं, तो CEO, CTO और CFO के बीच का अंतर जानना आपके लिए जरूरी है. आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये तीनों कौन होते हैं और क्या काम करते हैं.

CEO कौन होते हैं?

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CEO की फुल फॉर्म होती है चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर. CEO किसी भी कंपनी का सबसे बड़ा अधिकारी होता है. कंपनी किस दिशा में जाएगी, कैसे आगे बढ़ेगी और भविष्य की योजना क्या होगी. इन सब फैसलों की जिम्मेदारी CEO की होती है.

CEO कंपनी की पूरी तस्वीर देखता है. वह तय करता है कि बिजनेस को कैसे बढ़ाया जाए, नए बाजारों में कैसे कदम रखा जाए और कंपनी को मुनाफे में कैसे रखा जाए. CEO अपनी टीम को दिशा दिखाता है और अलग-अलग विभागों के काम को जोड़कर आगे बढ़ाता है. इसके अलावा CEO बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से बातचीत करता है और कंपनी की प्रगति की जानकारी देता है.

सीधे शब्दों में कहें तो CEO कंपनी का चेहरा होता है और उसी के फैसलों से कंपनी की पहचान बनती है.

CTO कौन होते हैं?

CTO की फुल फॉर्म होती है चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर. CTO का काम पूरी तरह टेक्नोलॉजी से जुड़ा होता है. आज के दौर में जब हर कंपनी डिजिटल बन रही है, तब CTO की भूमिका और भी अहम हो जाती है.

CTO यह तय करता है कि कंपनी कौन-सी तकनीक इस्तेमाल करेगी, नए प्रोडक्ट कैसे तैयार होंगे और टेक्नोलॉजी के जरिए बिजनेस को कैसे आगे बढ़ाया जाएगा. कंपनी की टेक टीम को दिशा देना, नए आइडिया लाना और तकनीकी समस्याओं का हल निकालना CTO की जिम्मेदारी होती है.

स्टार्टअप से लेकर बड़ी कंपनियों तक, CTO वह व्यक्ति होता है जो टेक्नोलॉजी को बिजनेस के साथ जोड़ता है. CEO जहां पूरी कंपनी की दिशा तय करता है, वहीं CTO उस दिशा में टेक्नोलॉजी का रास्ता बनाता है.

CFO कौन होते हैं?

CFO की फुल फॉर्म होती है चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर. CFO कंपनी के पूरे पैसों का हिसाब-किताब संभालता है. कंपनी कितना खर्च करेगी, कहां निवेश होगा और मुनाफा कैसे बढ़ेगा—इन सभी फैसलों में CFO की अहम भूमिका होती है.

CFO बजट बनाता है, खर्चों पर नजर रखता है और यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी की आर्थिक हालत मजबूत बनी रहे. वह फाइनेंशियल रिस्क को भी देखता है, ताकि कंपनी को किसी तरह का नुकसान न हो. इसके अलावा CFO बोर्ड को फाइनेंशियल रिपोर्ट देता है और बड़े फैसलों में अपनी राय देता है.

CEO, CTO और CFO में क्या है असली अंतर?

इन तीनों पदों का काम अलग-अलग होता है, लेकिन ये मिलकर कंपनी को आगे बढ़ाते हैं. CEO पूरे बिजनेस और स्ट्रैटेजी पर ध्यान देता है. CTO टेक्नोलॉजी और नए प्रोडक्ट पर फोकस करता है. वहीं CFO पैसे, बजट और निवेश को संभालता है. यह भी पढ़ें - स्टेशन मास्टर को अभी कितनी मिलती है सैलरी, 8वें वेतन आयोग के बाद इसमें कितना होगा इजाफा?


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