केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) क्लास 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए ओपन बुक परीक्षा (OBE) पर विचार कर रहा है. ये प्रपोजल पिछले साल (2023) गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में पेश किया गया था. जो नए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत आता है. सीबीएसई की ओर से कुछ चुनिंदा स्कूलों में ओपन-बुक का पायलट प्रोग्राम जल्द शुरू किया जाएगा.


इस कार्यक्रम में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, मैथ्स और साइंस वहीं कक्षा 11 और 12 के लिए इंग्लिश, मैथ्स और बायोलॉजी जैसे विषयों की परीक्षा ली जाएगी.  इन परीक्षणों को पूरा करने में छात्रों की किया वक्त लग रहा है ये नोट किया जाएगा साथ ही छात्रों का फीडबैक भी लिया जाएगा. पायलट कार्यक्रम नवंबर-दिसंबर के लिए निर्धारित किया गया है. बोर्ड इसे अपनाने से पहले यह कई प्रकार के टेस्ट के जरिए जानने की कोशिश करेगा कि यह कितना प्रभावशाली है.


ओपन बुक एग्जाम का उद्देश्य उच्च शिक्षा रणनीति है जिससे छात्रों में रचनात्मक और विश्लेषण की क्षमता ज्यादा बढ़ सकती है. सीबीएसई के अनुसार इस कार्यक्रम के जरिए छात्रों की समस्या-समाधान करने की क्षमताओं पर ज़ोर दिया जाएगा. सीबीएसई जून तक OBE पायलट के डिजाइन और विकास को अंतिम रूप दे सकता है. जिसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से फीडबैक और मदद मांगी गई है क्योंकि दिल्ली विश्वविद्यालय ने कोविड-19 महामारी के समय ओपन बुक टेस्ट की शुरुआत की थी. इस पहल का शुरुआत में विरोध जरूर हुआ था, खास कर गरीब और दृष्टिहीन छात्रों द्वारा लेकिन वक्त के साथ इसे एक्सेप्ट कर लिया गया था.


पायलट कार्यक्रम होगा 


न्यू नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 के 12 नंबर पेज पर OBE ओपन बुक एग्जामिनेशन के बारे में जिक्र किया गया था. अब जून 2024 तक इसे डिजाइन, डेवलप और रिव्यू किया जाएगा. वहीं नवंबर- दिसंबर में पायलट कार्यक्रम कुछ चुनिंदा स्कूलों में शुरू किया जाएगा.


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