Parents Role During Board Exams: किसी भी बच्चे की जिंदगी में उसके माता-पिता का रोल कितना अहम होता है, ये बताने की जरूरत नहीं है. ये लोग एक बच्चे के दिल के इतने नजदीक होते हैं कि जब इनके माध्यम से कोई बात कही जाती है तो वे गहरे असर करती है. कई बार बच्चा और पैरेंट्स दोनों ही बहुत एक्सप्रेसिव नहीं होते पर इससे अटैचमेंट में और इस बॉन्ड में कमी नहीं आ जाती. इसी कारण बोर्ड परीक्षा के पहले, इस दौरान और बाद में भी पैरेंट्स का रोल महत्वपूर्ण हो जाता है. कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का ध्यान रखकर आप उसे सपोर्ट कर सकते हैं.


इन बातों का रखें ध्यान



  • बच्चे को बार-बार पढ़ने के लिए या किसी भी दूसरे काम के लिए टोके नहीं. एक बार या अधिकतम दो बार कोई बात कह दें और उसे खुद से डिसीजन लेने दें. जबरदस्ती का दबाव न बनाएं.

  • खाने से लेकर, समय से सोने और उठने को लेकर दिनभर ताने न मारें. एग्जाम्स को हौव्वा बनाकर उनके सामने पेश न करें. दसवीं-बारहवीं के बच्चे इतने समझदार होते हैं कि उन्हें इन एग्जाम्स की अहमियत पता होती है.

  • दूसरे बच्चों के साथ उनकी तैयारी के साथ अपने बच्चे को कंपेयर न करें. इससे वे बहुत चिढ़ते हैं. बल्कि हो सके तो उसे मोटिवेट करें, उसकी तारीफ करें.

  • पढ़ाई को लेकर या उसकी किसी कमी को लेकर बात करनी भी है तो क्रिएटिव क्रिटिसिस्म का सहारा लें. यानी उसकी एक चीज की तारीफ करें और दूसरे को धीर से ऐसे प्वॉइंट करें कि अगर इस क्षेत्र में ऐसा हो जाए तो शायद और बेहतर रिजल्ट आएं.

  • आजकल के बच्चे सेंसिटिव ज्यादा होते हैं इसलिए इनके साथ गुस्से से या नाराजगी दिखाकर काम कम ही केसेस में चलता है. बाकी अपने बच्चे का नेचर आप भलीभांति जानते हैं तो उसी हिसाब से उसे टैकल करें.

  • अगर वो बहुत नर्वस है या घबरा रहा है या स्ट्रेस में है तो उससे बात करें. उसके मन को हल्का करने की कोशिश करें. उसे बताएं कि इस दुनिया में इससे बढ़कर कुछ नहीं, कोई एग्जाम नहीं.

  • वो डरा रहे, ठीक से सोए नहीं या कोई और बात हो तो उस पर गौर करें, उसकी एक्टिविटीज को मॉनिटर करें और कहीं कुछ अलग सा पैटर्न दिखे तो उससे बात करें.

  • अगर आपसे न संभले तो एक्सपर्ट की मदद लें. बच्चे कई बार पैरेंट्स से अपनी बात छिपाते हैं. ऐसे में जिससे वो कंफर्टेबल हों, उससे बात कराएं.

  • एग्जाम को लेकर उसके मन में फालतू के डर न भरें और न ही एग्जाम को हौव्वा बनाएं. उसे बताएं कि वह किसी दूसरे क्षेत्र में बेहतर कर सकता है. उसका संबल बनें, उसे पॉजिटिव वातावरण दें. एग्जाम में अपने आप बढ़िया प्रदर्शन होने लगेगा. 


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