आज के दौर में बड़ी संख्या में भारतीय युवा विदेश में नौकरी करने का सपना देखते हैं. बेहतर सैलरी, अच्छा जीवन स्तर और अंतरराष्ट्रीय अनुभव की चाह उन्हें देश से बाहर जाने के लिए प्रेरित करती है. ऐसे में कई लोग अजरबैजान जैसे देशों की ओर भी ध्यान देने लगे हैं. लेकिन विदेश में नौकरी से पहले सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि वहां मिलने वाली सैलरी भारत में कितनी मानी जाएगी. खासतौर पर जब बात अजरबैजान की करें, तो वहां की करेंसी अजरबैजानी मैनात को लेकर लोगों में अक्सर भ्रम रहता है.

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अजरबैजान की राष्ट्रीय मुद्रा को अजरबैजानी मैनात कहा जाता है. इसे संक्षेप में AZN लिखा जाता है. भारतीय रुपये से इसकी कीमत ज्यादा है. मौजूदा दर के अनुसार 1 अजरबैजानी मैनात = लगभग 53.07 भारतीय रुपये है. यानी अगर किसी को अजरबैजान में 1 मैनात मिलता है, तो भारत में उसकी कीमत करीब 53 रुपये के बराबर होगी.

अजरबैजान में 50 हजार मैनात की सैलरी

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अब सवाल उठता है कि अगर किसी व्यक्ति को अजरबैजान में 50,000 मैनात की सैलरी मिलती है, तो भारत में उसकी कीमत कितनी होगी. अगर हम मौजूदा दर के हिसाब से हिसाब लगाएं, तो50,000 मैनात × 53.07 रुपये = लगभग 26.5 लाख रुपये

यानि अजरबैजान में 50 हजार मैनात की कमाई भारत में करीब 26 से 27 लाख रुपये के बराबर मानी जाएगी. यह रकम सुनने में काफी बड़ी लगती है और इसी वजह से कई युवा अजरबैजान में नौकरी को लेकर उत्साहित नजर आते हैं.

जॉब के नजरिए से कितना फायदेमंद है अजरबैजान

अजरबैजान में तेल, गैस, कंस्ट्रक्शन, आईटी, टूरिज्म और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में नौकरियों के अच्छे मौके मिलते हैं. खासतौर पर इंजीनियर, आईटी प्रोफेशनल, मैनेजर और तकनीकी काम करने वालों की मांग वहां रहती है. कई कंपनियां विदेशी कर्मचारियों को अच्छी सैलरी भी देती हैं.

हालांकि, सिर्फ सैलरी को देखकर फैसला लेना सही नहीं माना जाता. किसी भी देश में नौकरी करने से पहले वहां के खर्च, टैक्स और जीवन स्तर को समझना बेहद जरूरी होता है.

अजरबैजान में खर्च कितना है

अजरबैजान की राजधानी बाकू में रहने का खर्च भारत के बड़े शहरों जैसा ही माना जाता है. किराया, खाना, ट्रांसपोर्ट और अन्य जरूरतों पर अच्छी-खासी रकम खर्च हो जाती है. हालांकि, अगर सैलरी मैनात में अच्छी है, तो वहां आराम से जीवन यापन किया जा सकता है.

भारत की तुलना में कुछ चीजें वहां सस्ती हैं, तो कुछ चीजें महंगी भी हो सकती हैं. इसलिए 50 हजार मैनात की सैलरी भले ही भारत में 26 लाख रुपये के बराबर लगे, लेकिन असल बचत आपकी जीवनशैली पर निर्भर करती है.

टैक्स और सेविंग का गणित

अजरबैजान में इनकम टैक्स भारत की तुलना में अलग है. वहां टैक्स सिस्टम सरल माना जाता है. अगर आपकी सैलरी ज्यादा है, तो टैक्स कटने के बाद भी अच्छी बचत संभव है. लेकिन नौकरी स्वीकार करने से पहले टैक्स नियमों को अच्छी तरह समझ लेना जरूरी है. यह भी पढ़ें - स्टेशन मास्टर को अभी कितनी मिलती है सैलरी, 8वें वेतन आयोग के बाद इसमें कितना होगा इजाफा?


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