अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में आज का दिन ऐतिहासिक है. विवाह पंचमी के मौके पर मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज का विधिवत आरोहण किया जाएगा. यह वही खास तिथि मानी जाती है जब त्रेतायुग में भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था.देश के पीएम नरेंद्र मोदी रामलला मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज फहराएंगे.

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अब जब मंदिर निर्माण पूरा हो गया है और पूजा व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है, तो लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर राम मंदिर में पुजारी कैसे बनते हैं और उन्हें कितनी सैलरी मिलती है. राम मंदिर में पुजारी की नियुक्ति श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जाती है. पुजारी बनने के लिए सबसे जरूरी है कि उम्मीदवार संस्कृत, वेद, शास्त्र और पूजा विधि का पर्याप्त ज्ञान रखता हो.

अधिकतर पुजारी आचार्य या शास्त्री स्तर की शिक्षा प्राप्त होते हैं. इसके अलावा बड़े मंदिर में पूजा का अनुभव, शांत और अनुशासनपूर्ण जीवन और धार्मिक आचरण को भी महत्व दिया जाता है. उम्मीदवार का इंटरव्यू और पूजा विधि का प्रैक्टिकल टेस्ट भी लिया जाता है. इसके बाद ही अंतिम चयन किया जाता है.

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कितनी मिलती है सैलरी?  

रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में राम मंदिर में पुजारियों और मंदिर कर्मियों की सैलरी में बड़ा बदलाव किया गया है. ट्रस्ट ने वेतन बढ़ाकर पुजारियों को आर्थिक रूप से और मजबूत किया है. प्रधान पुजारी का वेतन बढ़ाकर लगभग 35,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. वहीं सहायक पुजारियों की सैलरी 33,000 रुपये प्रति माह तय की गई है. मंदिर के भंडारी और कोठारी को 24,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है. इसके अलावा हाल ही में एक नए भंडारी की नियुक्ति 19,000 रुपये मासिक वेतन पर की गई है.

ट्रस्ट ने यह भी तय किया है कि अब मंदिर की पूजा व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के वेतन से फंड भी काटा जाएगा, ताकि मंदिर की प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे. सालाना वेतन वृद्धि की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, जिससे आने वाले समय में पुजारियों और स्टाफ के वेतन में नियमित बढ़ोतरी होती रहेगी. यह भी पढ़ें  - क्या है IAS बनने का पूरा क्राइटेरिया, जानें कैसे मिलती है देश की सबसे बड़ी सरकारी नौकरी?


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