जन सुराज पार्टी के पहले स्थापना दिवस समारोह का आयोजन शनिवार (4 अक्टूबर 2025) को शेखपुरा हाउस में राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारी यह एक साल की यात्रा शानदार रही या न रही हो, ईमानदार जरूर रही है.

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'इस पर अभी तक कोई आंच नहीं आई'

प्रशांत किशोर ने कहा कि "इस पर अभी तक कोई आंच नहीं आई है. मैं विश्वास दिलाता हूं कि मेरा यह प्रयास जरूर रहेगा कि मेरे आचार-विचार से आपको कभी जिंदगी में शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़ेगी. मेरी कोशिश यही है कि भगवान ने जितनी भी बुद्धि और शक्ति दी है, वो इस प्रयास में लगाया जाए."

वहीं मंच संचालन करते हुए पार्टी के प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर ने जो ईमानदारी का प्रयास किया है आने वाली पीढ़ी उसे याद रखेगी. बिहार की राजनीति जाति-धर्म, भ्रष्टाचार, पलायन और जंगलराज के इर्द -गिर्द रही है, लेकिन प्रशांत किशोर ने आज की राजनीति को बच्चों के भविष्य से जोड़ा है. देश और देश के बाहर के लोग बिहार की ओर आशा से टकटकी लगाए देख रहे हैं. 

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कार्यक्रम में अध्यक्षीय संबोधन करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की एक सोच ने तीन साल में ऐसी व्यवस्था खड़ी कर दी है कि आज बिहार या देश ही नहीं, विदेश में भी बैठे लोगों की आंखें जन सुराज पर टिकी हैं. आशा है कि आनेवाले दिनों में हम इससे भी बड़े पैमाने पर पार्टी का स्थापना दिवस मनाएं. आगे विधानसभा चुनाव के तौर पर एक छोटी लड़ाई है, जिसके बाद हमारी जिम्मेदारी और भी बड़ी हो जाएगी.

प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने क्या कहा?

प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने कहा कि हमें इस दिन सिर्फ यही याद रखना है कि दो अक्टूबर को महात्मा गांधी के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी की भी जयंती हैं. हम अगर इन दोनों के जीवन से भी प्रेरणा ले लें तो जिंदगी भर जन सुराज के रास्ते पर चलते रहेंगे. हमें यही संकल्प लेना है कि चुनावी नतीजों की परवाह किए बगैर जीवन भर जन सुराजी बने रहें, ताकि हम गर्व से कह सकें कि जब यह आंदोलन शुरू हुआ तब हम इसके साथ थे.

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