Mumbai News: मुंबई में दुकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर मराठी साइनबोर्ड (Marathi Signboard) लगाने की तीसरी डेडलाइन भी शुक्रवार यानी आज खत्म हो जाएगी. पहले की दो समय सीमा 30 जून और 31 मई को समाप्त हो गई थ. वहीं इस  मामले की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी होनी है.  आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला शीर्ष अदालत के आदेश के बाद ही लिया जाएगा. इस बीच, 50 प्रतिशत दुकानों और प्रतिष्ठानों ने अभी तक आवश्यक बदलाव नहीं किए हैं. बता दें कि शहर में करीब पांच लाख दुकानें हैं.


अब तक कितनी दुकानों ने लगाया है मराठी में साइनबोर्ड
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा ने सर्वसम्मति से मार्च में एक विधेयक पारित किया था जिसमें सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को देवनागरी लिपि में साइनबोर्ड प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया था. इस पर कार्रवाई करते हुए बीएमसी ने गाइडलाइंस जारी कर 31 मई की डेडलाइन तय की थी, जिसका फुटकर एसोसिएशन ने विरोध किया थी. इसके बाद कई व्यापार संघों के अनुरोध पर, समय सीमा 30 जून तक और फिर 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई थी. लेकिन तीन महीने के विस्तार के बाद भी, नागरिक अधिकारियों ने समीक्षा में पाया कि केवल 2.5 लाख दुकानों ने मराठी में साइनबोर्ड लगाए हैं.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को रखा था बरकरार
इसी के साथ बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सरकार के फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें राज्य भर के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए देवनागरी लिपि में साइनबोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया गया था. इस बीच, फेडरेशन ऑफ रिटेलर्स एंड ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) ने राज्य सरकार के फैसले और मराठी साइनबोर्ड पर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.


FRTWA का क्या कहना है
एफआरटीडब्ल्यूए को रिप्रेजेंट करने वाली अधिवक्ता मोहिनी प्रिया ने कहा, "हमने संशोधित प्रावधान 36 (ए) को चुनौती दी है, जो पहले नियम 35 था, जिसके अनुसार मराठी साइनबोर्ड की शुरुआत की गई थी. संशोधन के बाद, नियम को एक अधिनियम में बदल दिया गया, जिसने दुकानों और प्रतिष्ठानों के बाहर मराठी साइन बोर्ड स्थापित करना अनिवार्य कर दिया था. उन्होंने कहा कि हमने कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी है और सवाल किया है कि क्या राज्य इस तरह का कानून लागू कर सकता है.


SC के आदेश के अनुसार लिया जाएगाआगे का फैसला
वहीं डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर (स्पेशल) संजोग काबरे ने कहा, “रिटेलर एसोसिएशन के अनुरोध पर विचार करते हुए हमने समय सीमा को दो बार स्थगित कर दिया था अब तीसरी समय सीमा 30 सितंबर को समाप्त हो रही है. चूंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है, इसलिए अदालत के आदेश के बाद ही हम आगे का फैसला करने की स्थिति में होंगे.


निर्देश का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर लगेगा जुर्माना
महाराष्ट्र शॉप्स एंड इस्टैब्लिशमेंट (रेगुलेशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट एंड कंडीशन ऑफ सर्विस) एक्ट 2017 में संशोधन के अनुसार, उल्लंघन करने वालों पर उनकी दुकानों में कार्यरत प्रति व्यक्ति 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मराठी भाषा में अक्षरों का फ़ॉन्ट आकार प्रमुख रूप से दिखाई देना चाहिए और साइनबोर्ड पर उपयोग की जाने वाली अन्य भाषाओं के फॉन्ट से बड़ा होना चाहिए.


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