Makar Sankranti 2023: देशभर में आज मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. यह त्यौहार हिंदूओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है. अलग-अलग राज्यों में इसके अलग-अलग नाम हैं. मध्य प्रदेश में जहां इसे संक्रांति कहा जाता है तो वहीं गुजरात (Gujrat) में इसे उत्तरायण और दक्षिण भारत में पोंगल कहा जाता है. इस दिन अलग अलग जगह यहां अलग-अलग पकवान भी बनते हैं. बिहार में इस दिन खिचड़ी बनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य शनिवार, 14 जनवरी की रात में 08:21 मिनट पर पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. शास्त्रों में दान और स्नान का शुभ मुहूर्त उदया तिथि में माना जाता है. इसीलिए उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व रविवार, 15 जनवरी को मनाया जाएगा. दान, पुण्य और स्नान का शुभ मुहूर्त भी 15 जनवरी के दिन ही होगा.


धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में नहाने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है. इसको लेकर पौराणिक कथी भी प्रचलित है, जिसे लेकर लोग गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करते है. मकर संक्रांति के दिन जमकर पतंगबाजी भी की जाती है. वहीं, इस दिन लोग घूमने फिरने भी निकलते हैं और अपनों के साथ समय बीताते हैं.


जानें- कहां कहां कर सकते हैं गंगा स्नान


इस दिन लोग त्रिवेणी संगम में शाही स्नान कर सकते है. यह नदी सबसे पवित्र जगहों में शामिल है. यहां पर गंगा यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का मिलन होता है यही कारण है कि इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है. मकर संक्रांति के दिन यहां पर शाही स्नान का आयोजन किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.


गंगा सागर


मकर संक्रांति के मौके गंगा सागर में शाही स्नान करने के लिए भी लोगों की भारी भीड़ लगी रहती है. यहां गंगा नदी का सागर यानी समुद्र से मिलन होता है. पश्चिम बंगाल में स्थित यह जगह हिंदुओं का एक पवित्र स्थल है. इस जगह स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक गंगा सागर में डुबकी लगाने वाले व्यक्ति को 10 अश्वमेध यज्ञ कराने जितना पुण्य मिलता है. कहा जाता है कि यहां लगाई गई डुबकी एक हजार गाय दान करने के बराबर फल देती है. 


काशी


काशी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है. मकर संक्रांति के मौके पर यहां देश विदेश से आते हैं और शाही स्नान करते हैं. इस दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में खिचड़ी महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.


हरिद्वार


धर्म नगरियों में से एक हरिद्वार भी आता है. इस त्यौहार के मौके पर गंगा नदी के किनारे कई घाट पर आस्था उमड़ती है लेकिन हर की पौड़ी पर स्नान का विशेष महत्व माना गया है. संक्रांति के मौके पर यहां मेले का आयोजन होता है और यह भी कहा जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है.


स्नान-दान का शुभ मुहूर्त


पुण्य काल - 15 जनवरी 2023 को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक


महा पुण्य काल - 15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक


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