Kolkata News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) द्वारा गुड्स और सर्विस (Good and Service) टैक्स रेट में बढ़ोतरी के साथ सोमवार से कई घरेलू सामानों की कीमत बढ़ गई है. कोलकातावासियों को भी आज से दही, लस्सी, छाछ, पनीर, गेहूं और चावल जैसे जरूरत के सामान खरीदने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा. यहां तक कि पहले से पैक किए गए और लेबल्ड सामान का भी रेट बढ़ गया है. गौरतलब है कि इन उत्पादों पर सोमवार से 5% जीएसटी लगेगी


हालांकि पोस्टा बाजार मर्चेंट्स एसोसिएशन के महासचिव बिश्वनाथ अग्रवाल ने कहा कि उन्हें इस संबंध में एक सरकारी सर्कुलर देखना होगा. अग्रवाल ने कहा, "पैकेज्ड आटे पर जीएसटी लगाने के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. हमने सरकार के इस कदम का विरोध किया है. हमें सोमवार को प्रक्रिया के बारे में पता चलेगा."


गैर-ब्रांडेड, पहले से पैक किए गए सामानों पर लगेगी जीएसटी
बता दें कि अगर, कोई भी कृषि या डेयरी उत्पाद  ग्राहकों के सामने खुला या पैक करके बेचा जाता है, तो उसे जीएसटी से छूट मिलती रहेगी. पहले केवल ब्रांडेड पैकेज्ड चावल ही जीएसटी के दायरे में आते थे. लेकिन अब, सभी गैर-ब्रांडेड, पहले से पैक किए गए चावल, चावल का आटा और गेहूं का आटा जीएसटी के तहत आएंगे.  


GST क्या है?
GST केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला सिंगल- इनडायरेक्ट टैक्स है. इसे 1 जुलाई, 2017 को पेश किया गया था और राज्यों को जीएसटी रोलआउट के कारण उत्पन्न होने वाले जून 2022 तक राजस्व नुकसान के मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आटा जैसे ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पहले से ही जीएसटी लग रहा है. हालांकि, गैर-ब्रांडेड उत्पाद इसके दायरे में नहीं थे. केंद्र के एक अधिकारी ने कहा, "दुकान मालिक या ऑनलाइन दुकान उपभोक्ताओं को पहले से पैक सीलबंद आटा बेच रहे होंगों. चूंकि उत्पाद ब्रांडेड नहीं था, इसलिए उस पर जीएसटी नहीं लग रहा था लेकिन अब यह जीएसटी के दायरे में आएगा."


पनीर, दही और लस्सी जैसे प्रोडक्ट्स पर कितनी लगेगी जीएसटी
गौरतलब है कि पनीर, दही, लस्सी और छाछ जैसे उत्पाद भी सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार 5% जीएसटी के दायरे में आएंगे. वहीं मुरमुरे या मुरी, पीटा चावल या चीरा, पके हुए चावल या खोई, चीनी-लेपित पार्च्ड चावल या मुर्की, और चावल का आटा, जो अक्सर कई बंगाली घरों में प्रयोग किया जाता है वे भी जीएसटी के दायरे में होंगे. बता दें कि बंगाल के बाजार में बिकने वाले ज्यादातर फूला हुआ और बीटन राइस सीलबंद, बिना ब्रांड के पैकेट में आता है. चावल का आटा भी सीलबंद और बिना ब्रांड के पैकेट में बेचा जाता है.


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