WPI Inflation: जून में थोक महंगाई दर (Wholesale Price Index) में बड़ी राहत मिली है और ये घटकर 8 सालों के निचले स्तर पर आ गई है. जून में थोक महंगाई दर -4.12 फीसदी पर आई है. इससे पिछले महीने यानी मई में थोक महंगाई दर -3.8 फीसदी पर रही थी. ये लगातार तीसरा महीना है जब होलसेल महंगाई दर निगेटिव में आई है. इसके 8 साल के निचले स्तर पर जाने के बाद महंगाई के मोर्चे पर कुछ राहत मिलती दिखाई दे सकती है.


क्यों आई महंगाई दर में गिरावट


वाणिज्य मंत्रालय से आए इस आंकड़े में बताया गया है कि किन आर्टिकल्स की महंगाई दर में गिरावट देखी गई है. इसमें मुख्य रूप से मिनरल ऑयल, खाने-पीने की वस्तुओं, बेसिक मेटल्स, क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस के दामों में गिरावट आई है. इसके अलावा टेक्सटाइल के दाम भी निचले स्तर पर गए हैं जिसका असर महंगाई दर के कम होने के रूप में देखा जा रहा है.


खाद्य महंगाई दर कितनी रही


देश में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में भी गिरावट आई है और ये जून में घटकर 1.24 फीसदी पर आ गई है जो कि मई में 1.59 फीसदी पर रही थी.


फ्यूल और पावर सेगमेंट की होलसेल महंगाई दर कितनी रही


फ्यूल और पावर सेगमेंट की महंगाई दर में भी गिरावट देखी गई है और ये जून में घटकर -12.63 फीसदी पर आई है.


प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर कितनी रही


प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर घटकर 2.87 फीसदी पर रही है.


मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर


मैन्यूफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई दर जून में घटकर -2.71 फीसदी पर आ गई है जो कि मई में -2.97 फीसदी पर रही थी.


लगातार तीसरे महीने शून्य से नीचे रही थोक महंगाई दर


यह लगातार तीसरा महीना है जबकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से नीचे है. अप्रैल में यह -0.92 फीसदी पर थी और मई में यह -3.8 फीसदी पर आई थी. जबकि जून में थोक महंगाई दर -4.12 फीसदी पर आई है.


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