WPI Inflation: खुदरा महंगाई दर में गिरावट के बाद  थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर ( WPI based Inflation Rate) में भी कमी आई है. जुलाई महीने में होलसेल महंगाई दर घटकर 13.93 फीसदी पर आ गया है. जबकि जून में होलसेल महंगाई दर घटकर 15.18 फीसदी पर रहा था. जबकि मई, 2022 में थोक महंगाई दर 15.88 फीसदी के लेवल पर था. पांच महीने के सबसे निचले स्तर पर थोक महंगाई दर आ गया है. 


वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक मिनरल ऑयल्स के दामों में तेजी, खाने -पीने की वस्तुओं की कीमतों में उछाल, महंगे क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस , बेसिक मेटल्स, केमिकल्स और केमिकल्स प्रोडेक्ट के चलते जून महीने में थोक महंगाई दर में उछाल देखने को मिल रहा है. 


खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़े
बीते वर्ष के मुकाबले थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी की मुख्य रूप से महंगे खाने-पीने की वस्तुएं हैं. हालांकि जून के मुकाबले जुलाई महीने में खाद्य महंगाई दर में कमी आई है.जुलाई में खाद्य महंगाई दर 9.41 फीसदी रहा है जबकि जून में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 12.41 फीसदी पर रहा था. जुलाई महीने में साग-सब्जियों की महंगाई दर 18.25 फीसदी पर आ गया है जबकि जून में 56.75 फीसदी पर रहा था. आलू और फलों के दाम जुलाई महीने में बढ़े हैं. धान, गेंहू और दालों की कीमतें भी बढ़ी है. 


फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर
थोक महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई दर 40.38 फीसदी से बढ़कर 43.75 फीसदी पर जा पहुंचा है. हालांकि मई के 40.62 फीसदी महंगाई दर से मामूली कम है. जून महीने में मैन्युफैक्चरिंग गुड्स का थोक महंगाई दर मई के घटकर 9.19 फीसदी से 8.16 फीसदी पर आ गया है.  इससे पहले मंगलवार 12 अगस्त को खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा आया था. खुदरा महंगाई दर में भी जुलाई महीने में कमी आई है और ये घटकर 6.71 फीसदी पर आ गया है. 


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