नई दिल्लीः हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपके परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन की जगह सिर्फ आधार इस्तेमाल होने लगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार के वित्त विधेयक पर बहस के जवाब मे इस आशय के संकेत दिए.


पैन में 10 कैरेक्टर होते हैं जो अल्फा-न्यूमैरिक यानी अंग्रेजी वर्णमाला और संख्या को मिलाकर बनते हैं. इसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय लेन-देन और वित्तीय पहचान के तौर पर होता है. तकनीकी तौर पर एक व्यक्ति के पास एक ही पैन होना चाहिए, लेकिन ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें एक ही व्यक्ति के पास 5-5 पैन पाए गए. सरकार को आशंका है कि इतनी संख्या में पैन जारी कराने का मकसद टैक्स चोरी करना है. दूसरी ओर आधार 12 अंकों वाला विशिष्ट पहचान संख्या है. दोनों हाथों की दसों ऊंगलियों और दोनों आंखों के पुतली रिकार्ड कर ये संख्या जारी किया जाता है. एक व्यक्ति के लिए ही एक ही आधार संख्या होती है. इसके जरिए लोगों को सीधे-सीधे सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचा कर सरकार ने 2 सालो में 50 हजार करोड़ रुपये के करीब की बचत की है.


आधार को लेकर जेटली का संकेत उस समय आय़ा, जब लोकसभा में पश्चिम बंगाल से वामपंथी सदस्य मोहम्मद सलीम ने सवाल पूछा कि क्या आधार तमाम सरकारी पहचान या संख्या की जगह लेगा तो वित्त मंत्री ने ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया. देर शाम वित्त मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने जानकारी दी कि मुमकिन है कि व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए आने वाले दिनों में आधार ही पैन की जगह लेगा.


वित्त विधेयक में फेरबदल करते हुए जेटली ने प्रस्ताव रखा कि पहली जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन के आवेदन दस्तावेज में आधार का जिक्र करना जरुरी होगा. अगर किसी के पास अभी तक आधार नहीं है तो उसे आधार के लिए आवेदन के समय मिले इनरॉलमेंट नंबर का जिक्र करना होगा. बगैर आधार के आयकर रिटर्न में पैन को निरस्त कर दिया जाएगा और समझा जाएगा कि संबंधित व्यक्ति ने आधार के लिए आवेदन किया ही नहीं है. इसके साथ ही आयकर कानून के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.


देश में अब तक 20 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को पैन जारी किये गए हैं, वहीं 111 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं. सरकार का दावा है कि हर व्यस्क व्यक्ति के पास अब आधार है. हालांकि आधार को जरुरी किए जाने पर विरोध भी हो रहा है. कुछ जानकारों का कहना है कि इससे आयकर रिटर्न में दी गयी गोपनीय जानकारी पर खतरा हो सकता है. लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐसी किसी भी आशंका को एक सिरे से खारिज कर दिया.


फिलहाल, अगर आपके पास अभी भी आधार नहीं है और आयकर रिटर्न आपको दाखिल करना है तो नजदीक के आधार केद्र में जाकर तुरंत आवेदन कर दें. ध्यान रहे कि वेतनभोगी कर्मचारियो के लिए वित्त वर्ष 2016-17 और असेसममेंट इयर 2017-18 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई हो सकती है. मतलब साफ है कि अब जो आप रिटर्न दाखिल करेंगे वो बगैर आधार के पूरा नहीं होगा.