केंद्र सरकार ने महंगाई से राहत देते हुए आम लोगों के लिए रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 200 रुपये की कटौती की है. वहीं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सिलेंडर प्राइस में 400 रुपये की कमी की गई है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की संभावना बढ़ चुकी है. 


सिटीग्रुप इंक मुताबिक, रसोई गैस की कीमतों में कटौती के भारत के कदम से महंगाई दर कम हो सकती है और कुछ प्रमुख त्योहारों और प्रमुख चुनावों से पहले गैसोलीन और डीजल की कीमतों में कमी की ओर फोकस हो सकता है. 


अर्थशास्त्री का कहना है कि गैस की कीमतों में कमी का फैसला महंगाई दर में 30 बेसिस प्वाइंट की कमी कर सकता है. इसके अलावा, सितंबर में टमाटर प्राइस में कमी से बढ़ी हुई महंगाई दर 6 फीसदी के नीचे रहने वाली है. महंगाई दर जुलाई में 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था और अधिकारी खुदरा कीमतों को कम करने के लिए एक्टिव कदम उठा रहे हैं. 


खाद्य कीमतों पर कमी पर फोकस 


भारत सरकार खाद्य कीमतों में कमी करके आम लोगों को महंगाई से राहत देने के प्रयास में है. पिछले कुछ दिनों में सरकार ने चावल, गेंहू, प्याज और अन्य अनाज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई है, ताकि बढ़ती कीमतों से राहत दी जा सके. 


साल के आखिरी में पांच राज्यों में चुनाव 


राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कम से कम पांच राज्यों में इस साल की आखिरी तिमाही में चुनाव होने वाले हैं. इसके बाद 2024 की शुरुआत में राष्ट्रीय चुनाव होंगे. ऐसे में अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले समय में राजकोष से और अधिक पैसे खर्च हो सकते हैं. आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी हो सकती है. 


पेट्रोल और डीजल के दाम में कमी! 


इंटरनेशनल कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता के बावजूद गैसोलीन और डीजल की पंप कीमतें एक साल से अधिक समय से अपरिवर्तित बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि ईंधन की लागत में किसी भी तरह की कटौती उत्पाद शुल्क में कटौती के जरिए की जा सकती है. 


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