अमेरिका से शुरू हुआ बैंकिंग संकट (US Banking Crisis) लोगों को राहत की सांसें लेने का मौका नहीं दे रहा है. कई बैंकों को डूबोने के बाद भी इस संकट का कहर जारी है. ताजा मामला है अमेरिका के ही फर्स्ट रिपब्लिक बैंक (First Republic Bank) का. बैंकिंग संकट के बीच मार्च तिमाही के दौरान इस बैंक के डिपॉजिट में अरबों डॉलर की गिरावट आई है और अब बैंक कर्मचारियों की छंटनी पर मजबूर हो चुका है.


इतना गिर गया बैंक का शेयर


फर्स्ट रिपब्लिक बैंक ने सोमवार को बताया कि मार्च तिमाही के दौरान उसके डिपॉजिट में 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. इसके साथ ही बैंक ने यह भी बताया कि वह कर्मचारियों की छंटनी करने समेत अपने बैंलेंस शीट को रिस्ट्रक्चर करने जैसे विकल्पों की तलाश कर रहा है. बैंक के द्वारा ये जानकारियां देने का असर शेयर बाजार में भी हुआ और फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के शेयर सोमवार को अमेरिकी बाजार में 20 फीसदी से ज्यादा टूट गए.


नहीं मिली इस चीज से मदद


फर्स्ट रिपब्लिक बैंक ने मार्च तिमाही का वित्तीय परिणाम जारी कर दिया है. परिणाम के साथ ही बैंक ने बाकी जानकारियां भी दी. मार्च तिमाही के दौरान फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का मुनाफा बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहा, लेकिन डिपॉजिट में आई भारी गिरावट ने बाकी चीजों को ढंक दिया.


3 महीने में इतना गिरा डिपॉजिट


दिसंबर तिमाही के समाप्त होने के बाद फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का डिपॉजिट 176.43 बिलियन डॉलर था. यह कम होकर मार्च तिमाही में 104.47 बिलियन डॉलर पर आ गया. यह हाल तब है, जब फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को मार्च तिमाही के दौरान बैंक ऑफ अमेरिका, सिटीग्रुप, जेपी मॉर्गन चेस और वेल्स फार्गो जैसे बैंकों से 30 बिलियन डॉलर की राहत मदद मिली थी. अगर अन्य बैंकों से मिली मदद को हटा दें तो मार्च तिमाही के दौरान फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का टोटल डिपॉजिट करीब 102 बिलियन डॉलर कम हुआ.


जा सकती है इतने लोगों की नौकरी


फर्स्ट रिपब्लिक बैंक अब खर्चों में कटौती करने के विभिन्न उपायों पर गौर कर रहा है. बैंक ने कहा कि वह अपने अधिकारियों के पैकेज में कटौती करने के साथ बैक ऑफिस की संख्या कम करने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा फर्स्ट रिपब्लिक बैंक जून तिमाही के दौरान अपने 20 से 25 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी भी कर सकता है. बैंक की योजना इंश्योर्ड डिपॉजिट को बढ़ाने तथा अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व से उधारी को कम करने की भी है.


कई बैंक बन चुके हैं शिकार


आपको बता दें कि इस बार के बैंकिंग संकट को 2008 के बाद का सबसे बड़ा संकट माना जा रहा है. यह संकट अब तक कई बैंकों को अपना शिकार बना चुका है. मौजूदा बैंकिंग संकट की शुरुआत सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से हुई थी. उसके बाद कई अमेरिकी बैंक इसकी चपेट में आए. संकट का दायरा अमेरिका से बाहर भी पसर चुका है. यूरोप के सबसे पुराने बैंकों में से एक क्रेडिट सुईस भी इस बैंकिंग संकट की भेंट चढ़ चुका है.


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