8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, जो 1 जनवरी 2026 से लागू होगा. इस आयोग का उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन और पेंशन में संशोधन करना है. इसके साथ ही, नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) भी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होने जा रही है. इन दोनों योजनाओं का एक-दूसरे पर गहरा प्रभाव पड़ेगा, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को लाभ होगा.

यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?

UPS को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के विशेषताओं को मिलाकर बनाया गया है. इस योजना के तहत, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा, बशर्ते कि उन्होंने कम से कम 25 साल की सेवा की हो. अगर किसी कर्मचारी ने केवल 10 साल की सेवा की है, तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलेगी. इसके अलावा, कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को उसकी पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा.

8वें वेतन आयोग का प्रभाव

8वें वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके लागू होने के बाद, पेंशन में लगभग 25 फीसदी से 30 फीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है. वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये है, जो कि बढ़कर 22,500 से 25,000 के बीच हो सकती है. इसके अलावा, फिटमेंट फैक्टर में भी वृद्धि हो सकती है, जिससे वेतन और पेंशन में और अधिक इजाफा होगा.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 हो सकता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों का वेतन और पेंशन दोनों में लगभग 186 फीसदी तक की वृद्धि देखने को मिल सकती है. यह परिवर्तन न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा.

किसे मिलेगा इसका फायदा?

इस योजना का लाभ लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा. ये कर्मचारी और उनके परिवार इस बदलाव से सीधे प्रभावित होंगे. UPS और 8वें वेतन आयोग दोनों ही योजनाएं सरकारी कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी.

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