Bad Bank: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरूवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने फंसे कर्ज के समाधान के लिए राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुर्नगठन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) द्वारा जारी की जाने वाली प्रतिभूति रसीदों के लिए 30 हजार 600 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.


प्रस्तावित बैड बैंक यानी एनएआरसीएल कर्ज के लिए सहमत मूल्य का 15 प्रतिशत नकद भुगतान करेगा जबकि शेष 85 प्रतिशत सरकार द्वारा गारंटीकृत प्राप्त प्रतिभूति रसीद के यप में होगी. यदि तय मूल्य के मुकाबले नुकसान होता है, तो सरकारी गारंटी (Government Guarantee) को भुनाया जायेगा.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस फैसले के बारे में पत्रकारों से कहा कि बैंकों ने पिछले छह वर्षों में 5.01 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है. इसमें से मार्च 2018 से अब तक 3.1 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई है.


रिसर्जेंट इंडिया की मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति प्रकाश गाड़िया ने कहा- "30600 करोड़ रुपये की गारंटी की घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बैंकों को त्वरित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करेगी. गारंटी के अभाव में, बैंकों को उच्च प्रावधान करने की आवश्यकता होती. यह सभी हितधारकों के लिए एक जीत है.”


केएस लीगल एंड एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर सोनम चांदवानी का मानना ​​है कि बैड लोन को नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड को ट्रांसफर करने से निस्संदेह बैड लोन की समस्या खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा- "कैबिनेट की मंजूरी एनएआरसीएल के संचालन के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी. बैंकों के साथ अभी भी नकदी की समस्या है, ऐसे में केंद्रीय बैंक का समर्थन वास्तव में बैड बैंकों को बचाएगा.


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