Budget 2026: संसदीय परंपराओं के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वित्त वर्ष 2026-27 का आम बजट रविवार को पेश कर सकती हैं. इसकी वजह यह है कि साल 2017 से लगातार बजट 1 फरवरी को ही पेश किया जा रहा है और अगले साल 1 फरवरी रविवार के दिन पड़ रहा है.

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हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने स्पष्ट किया है कि इस तरह के फैसले संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति तय करती है और सही समय पर निर्णय लिया जाता है. मोदी सरकार ने बजट 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा इसलिए शुरू की थी, ताकि नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से पहले बजट को लागू किया जा सके.

रविवार को बजट पेश करना होगा खास

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साल 2026 में अगर 1 फरवरी को वित्त मंत्री के द्वारा बजट पेश किया जाता है तो यह खास होगा, क्योंकि शायद पहली बार रविवार को आम बजट पेश किया जाएगा. रविवार को बजट पेश करने का मामला पिछले कुछ सालों में देखने को नहीं मिला हैं.

पिछले वर्षों में दो बार ऐसे मौके आएं है, जब आम बजट शनिवार को पेश किया गया है. वर्ष 2015 में अरुण जेटली और साल 2020 में निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी (शनिवार) को आम बजट पेश किया था. जिसके कारण शेयर बाजार को भी विशेष रूप से ओपन किया गया था.

2017 से 1 फरवरी को पेश किया जाने लगा बजट

2017 से आम बजट पेश करने की तारीख में बड़ा बदलाव किया गया था. 2017 से पहले आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था. उस समय नए वित्तीय वर्ष के शुरुआती तीन महीनों के खर्च के लिए सरकार को अनुमति मिल जाती थी. जबकि पूरे साल के बजट को बाद में मंजूरी मिलती थी.

साल 2017 में केंद्र सरकार ने इसमें बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 से बजट 1 फरवरी को पेश करने की परंपरा शुरू की. इससे बजट को मार्च के अंत तक संसद की मंजूरी मिल जाती थी, यानी नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले ही सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाती थी.

वैसे भी संसद की बैठकें खास मौकों पर रविवार को होती रही हैं, जैसे 2020 में कोरोना महामारी के दौरान और 13 मई 2012 को संसद की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ पर.

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