Budget 2023: 10 अक्टूबर, 2022 से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है. एक फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पांचवां बजट पेश करेंगी जो कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. ऐसे में ये बजट बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्योंकि ये बजट लोकलुभावन होगा या विकास की रफ्तार को और गति प्रदान करेगा सबकी नजरें रहेंगी. महंगाई से राहत देने के लिए क्या मध्यमवर्ग को टैक्स में छूट की सौगात मिलेगी? 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट पेश करते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लाने की घोषणा की गई थी जिसे 1 दिसंबर 2018 से ही लागू किया गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार आने वाले बजट में किसानों के लिए क्या घोषणा करती है. 


दरअसल वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किया जाने वाले बजट 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट होगा इसलिए ये बजट चुनावी रहने के आसार हैं. साथ ही 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं तो वोटरों को लुभाने के लिए बजट में लोकलुभावन एलान किए जा सकते हैं. 


क्या बढ़ेगी टैक्स छूट की सीमा? 
लंबे समय से टैक्स छूट की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया है. 2.50 लाख रुपये तक के इनकम टैक्स छूट मिलता है. वहीं जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है उन्हें 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट मिलता है. यानि उन्हें कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. 5 से 10 लाख रुपये के इनकम पर 20 फीसदी से 10 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. माना जा रहा है कि कमरतोड़ महंगाई और टैक्स कलेक्शन में उछाल के बाद मोदी सरकार अपने आखिरी पूर्ण बजट में टैक्स दरों में कमी कर सकती है. जिससे मिडिल क्लास को महंगाई से राहत दी जा सके. इस प्रकार सरकार आम टैक्सपेयर्स के लिये इनकम टैक्स स्लैब को तर्कसंगत ( Rationalization) बना सकती है. 


नए टैक्स रिजिम को बनाया जा सकता है आकर्षक
इनकम टैक्स की नई व्यवस्था  ( New Tax Regime) की टैक्सपेयर्स के बीच स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए इसके नियमों में बड़े बदलाव करने पर सरकार विचार कर रही है.  इनकम टैक्स की नई व्यवस्था  (New Income Tax Regime) में कुछ शर्तों के साथ कुछ टैक्स छूट दी जा सकती है. जिससे टैक्सपेयर्स इस विकल्प को चुन सकें. माना जा रहा है कि इस बात की घोषणा अपने बजट में वित्त मंत्री कर सकती हैं. इनकम टैक्स की नई व्यवस्था  ( New Income Tax Regime) में भले ही टैक्स दरें कम हो लेकिन होमलोन के मूलधन या ब्याज या बचत पर टैक्स छूट के अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलने के चलते टैक्सपेयर्स को नई व्यवस्था लुभा नहीं पा रही है. 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए 5.89 करोड़ टैक्सपेयर्स ने रिटर्न दाखिल किया है लेकिन इस संख्या में 5 फीसदी से भी कम टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स ( Income Tax)की नई व्यवस्था  ( New Tax Regime) के तहत इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return) दाखिल किया था. ऐसे में नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने की घोषणा की जा सकती है. 


निवेश पर टैक्स छूट की बढ़ेगी लिमिट? 
इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत पीपीएफ, बीमा, यूलिप, ELSS, ईपीएफ में 1.50 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट मिलता है. सालों से इस सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया. इसी डेढ़ लाख रुपये में होमलोन का मूलधन के साथ बच्चों का स्कूल फीस भी आता है. ऐसे में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार 1.50 लाख रुपये की लिमिट को बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. 


रोजगार सृजन पर रहेगा जोर
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार का फोकस सरकार पर अब काबू पाना नहीं क्योंकि महंगाई पर नकेल कसने के लिए सरकार कई कदम उठा चुकी है. ऐसे में सरकार का फोकस बजट में रोजगार सृजन पर रहने वाला है. ऐसे में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी बढ़ोतरी की जा सकती है. इससे रोजगार के नए अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी. 2022-23 में भी सरकार का इसी बात पर फोकस रहा था. सरकार ने इस वित्त वर्ष में पूंजीगत खर्चों के लिए 7.50 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया था. 


शहरी इलाकों के लिए मनरेगा!
ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहले से मनरेगा योजना चल रही है. लेकिन शहरी इलाकों में बेरोजगारी बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार शहरी इलाकों में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए अर्बन मनरेगा जैसी योजना का एलान बजट में कर सकती है. 2008 में जब यूपीए सरकार मनरेगा लाई थी तो 2009 लोकसभा चुनाव में उसे जबरदस्त चुनावी फायदा हुआ था. 


बढ़ेगी पीएम किसान सम्मान की राशि!
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत फिलहाल किसानों को हर वर्ष 2000 रुपये की तीन किस्तों में कुल 6000 रुपये दी जाती है. लेकिन मोदी सरकार किसानों को रिझाने के लिए अपने आखिरी पूर्ण बजट में इस लिमिट को बढ़ाकर 7500 से लेकर 9000 रुपये सलाना कर सकती है. 


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