Budget 2022: देश का बजट (Budget) पेश होने में 17 दिन बाकी हैं और 1 फरवरी 2022 (1 February 2022) को बजट 2022 संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बही-खाते रूपी बजट को देश के सामने रखेंगी. बजट 2022-23 से जहां सभी सेक्टर आस लगाए बैठे हैं वहीं MSME सेक्टर की भी कई मांगें हैं.


GST दरों को बनाया जाए सरल और सुगम
MSME सेक्टर की मांग है कि GST की दरों को इस सेक्टर के लिए उपयुक्त बनाया जाए और इस सेक्टर के लिए टैक्स की दरों को कम किया जाए. वैसे भी बीते दो सालों में कोरोना की परिस्थितियों के कारण इस सेक्टर पर भारी मार पड़ी है. उत्पादन में गिरावट, नौकरियों में कमी, राजस्व में कटौती जैसी कई समस्याओं का सामना एमएसएमई सेक्टर को करना पड़ा है. लिहाजा MSME (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) सेक्टर की सबसे बड़ी मांग है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) की दरों पर एक बार फिर विचार किया जाए.


क्या हैं MSME सेक्टर की बड़ी मांगें
इस सेक्टर के लिए लोन देने की दरों को और कम किया जाए
छोटे कारोबारियों के लिए कारोबार करना आसान बनाया जाए
MSME सेक्टर के लिए लाइसेंसिंग या ऑडिट के नियमों को आसान बनाया जाए


मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए जीएसटी हो कम
एमएसएमई सेक्टर की मांग है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए उत्पादों पर लगने वाली 18 फीसदी की दर को घटाकर 12 फीसदी के दायरे में लाना चाहिए. उत्पादों के लिए इस बजट में सब्सिडी के प्रावधान को इंट्रोड्यूस करना चाहिए. पिछले बजट यानी वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए 15,700 करोड़ का आवंटन किया गया था जिसे इस साल और बढ़ाने की जरूरत है. 


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