Unilever Products: भारत में जल्द ही प्रीमियम सेगमेंट में आने वाले एक प्रमुख ब्रांड के प्रोडक्ट्स के दाम घटने वाले हैं. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ये एफएमसीजी दिग्गज भारत में कीमतों के मामले में नरम रुख अपनाने के संकेत दे रही है. भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर की पेरेंट फर्म यूनिलीवर की आने वाले समय में कई कैटेगरी के उत्पादों के दाम सस्ते करने की उम्मीद है और कंपनी ने इसका एलान भी किया है.


यूनिलीवर के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ग्रीम पिटकेथली ने कहा है कि आने वाले कुछ समय में ग्लोबल रिकवरी के चलते भारत में कुछ कैटेगरी के प्रोडक्ट्स के दाम घटाने के बारे में विचार किया जा रहा है. यूनिलीवर के सीएफओ ने हालांकि इस बात को साफ किया है कि दामों में ये कटौती केवल कुछ ही कैटेगरी के लिए लागू होगी. इनके अलावा अन्य सेगमेंट्स में दाम नीचे आने की गुंजाइश नहीं बन रही है. 


किन कैटेगरी के प्रोडक्ट्स होंगे सस्ते


इकोनॉमिक टाइम्स, रॉयटर्स और बिजनेस स्टैंडर्ड की खबरों के मुताबिक यूनिलीवर को फैब्रिक क्लीनिंग और स्किन क्लीनिंग के प्रोडक्ट्स में दाम कम करने की योजना पर काम करना है. इसके पीछे दो कारण हैं- एक तो ग्लोबल कमोडिटी की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है जिसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना है. दूसरा स्थानीय या लोकल ब्रांड्स से मुकाबले का सामना करना जरूरी हो गया है क्योंकि ये बाजार में फिर से एंट्री कर रहे हैं और मार्केट शेयर बढ़ा रहे हैं.


मुनाफे को बरकरार रखने के लिए स्ट्रेटेजी में बदलाव


यूनिलीवर की तीसरी तिमाही की अर्निंग्स कॉल के दौरान सीएफओ ग्रीम पिटकेथली ने कहा कि कंपनी के वॉल्यूम की पोजीशन और प्रतिस्पर्धा का मुकाबला करने के लिए ये केवल अपनी कीमतों को कुछ एडजस्ट करने पर विचार कर रही है जिससे मुनाफे बरकरार रह सके. पिछले एफ्ते एचयूएल (HUL) ने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए जिसमें कुल 2,656 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. साल दर साल तिमाही पर 0.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि पिछले साल की समान तिमाही में 2665 करोड़ रुपये का मुनाफा कंपनी ने दर्ज किया था.


सोप, डिटर्जेंट, हेयर ऑयल, चायपत्ती और बिस्किट्स में स्वदेशी ब्रांड्स का बढ़ रहा जलवा


सोप, डिटर्जेंट, हेयर ऑयल, चायपत्ती और बिस्किट्स के मार्केट में खास तौर पर स्वदेशी ब्रांड्स का जलवा बढ़ रहा है और ये अग्रणी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स कंपनी के मार्केट शेयर पर असर डाल रहे हैं. पिछली दो तिमाहियों से कंज्यूमर कंपनियां खास तौर पर साबुन, डिटरजेंट और चायपत्ती के दामों में कटौती कर रही हैं क्योंकि कमोडिटी के दामों में गिरावट देखी जा रही है और लोकल ब्रांड्स इसका फायदा ग्राहकों को दे रहे हैं.


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