LIC Unclaimed Fund: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के पास 21,538.93 करोड़ रुपये अनक्लेमड डिपॉजिट पड़ा है जिसका कोई दावेदार नहीं है. इस रकम में 2911.08 करोड़ रुपये का ब्याज भी शामिल है जो अनक्लेमड डिपॉजिट पर हासिल हुआ है. वित्त राज्य भागवन कराड ने संसद में ये जानकारी दी है.
संसद में सरकार ने दी जानकारीसरकार ने संसद में बताया है कि अनक्लेम्ड अकाउंट्स में पड़े इन रकम को पॉलिसीहोल्डर्स द्वारा क्लेम करने पर सेटल किया जाता है. हालांकि सरकार द्वारा 2016 में नोटिफाई किए गए सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड रूल्स और इंश्योरेंस रेग्युलेटर इरडा द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक एलआईसी समेत सभी बीमा कंपनियों के पास यदि पॉलिसीधारकों के अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स 30 सितंबर 2017 तक 10 साल से ज्यादा समय से पड़े हैं उस रकम को बीमा कंपनियां सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में हर साल ट्रांसफर करेंगी. अनक्लेम्ड फंड के ट्रांसफर करने के बावजूद अगर कोई पॉलिसीधारक या क्लेम करने वाले पॉलिसी के लिए अपना पैसा क्लेम करने सामने आते हैं तो उनका रकम उनके साथ 25 साल के भीतर सेटल करने का प्रावधान है.
सदन में उठा सवालदरअसल लोकसभा सदस्य बी मणिक्कम टैगोर ने वित्त मंत्री से ये सवाल पूछा था कि क्या एलआईसी के पास 21,539 करोड़ रुपये का अनक्लेम्ड फंड जमा है और एलआईसी के आईपीओ आने के एवज में इस पैसे का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा.
एलआईसी ने आईपीओ ड्रॉफ्ट पेपर में किया खुलासा एलआईसी द्वारा शेयर बाजार की रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास जमा कराए गए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई हैं. सेबी के पास जमा कराये गए ड्रॉफ्ट पेपर के मुताबिक, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास 21,539 करोड़ रुपये का जमा अनक्लेम्ड फंड में ब्याज भी शामिल है. एलआईसी की ओर से बताया गया है कि मार्च, 2021 तक बिना दावे वाला कोष 18,495 करोड़ रुपये और मार्च, 2020 के अंत तक 16,052.65 करोड़ रुपये था. जबकि वहीं मार्च, 2019 के अंत तक यह राशि 13,843.70 करोड़ रुपये थी.
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