Unclaimed Deposits At Financial Institutions: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (Financial Stability and Development Council) की बैठक में सभी फाइनैंशियल रेग्यूलेटर्स से अनक्लेमड डिपॉजिट्स, शेयर्स, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड और बीमा पॉलिसी को लेकर स्पेशल अभियान चलाने को कहा है. सरकार चाहती है नॉमिनी को तलाश कर उन्हें इन अनक्लेम्ड फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट्स का फायदा पहुंचाया जा सके.  बैठक में फैसला लिया गया कि जहां नॉमिनी डिटेल्स मौजूद है लेकिन नॉमिनी को ये जानकारी नहीं है समय सीमा के भीतर ये जानकारी उन तक उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा. 


बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स 


रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट की मानें तो, वित्त वर्ष 2021-22 तक बैंकों में बिना दावे वाली रकम यानि अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स 48,262 करोड़ रुपये पर जा पहुंची है.  2020-21 में ये रकम 39,264 करोड़ रुपये हुआ करती थी. आरबीआई के अनुसार सबसे ज्यादा अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स राशि तमिलनाडु, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, बंगाल, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बैंकों में जमा है.


बीमा कंपनियों में अनक्लेम्ड रकम 


Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) से मिली जानकारी के मुताबिक जीवन बीमा कंपनियों में 31 मार्च 2021 तक कुल 22,043 करोड़ रुपये जमा हैं जिसका कोई दावेदार नहीं है.  गैर-जीवन बीमा कंपनियों में  31 मार्च 2021 तक 1,241.81 करोड़ रुपये जमा है जिसका कोई दावेदार नहीं है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के पास ही 21,538.93 करोड़ रुपये अनक्लेमड डिपॉजिट पड़ा है जिसका कोई दावेदार नहीं है.  इस रकम में 2911.08 करोड़ रुपये ब्याज भी शामिल है जो अनक्लेमड डिपॉजिट पर हासिल हुआ है. 


म्यूचुअल फंड्स में अनक्लेम्ड रकम 


सेबी से मिली जानकारी के मुताबिक 31 मार्च 2021 तक म्यूचुअल फंड्स के पास 1590 करोड़ रुपये के अनक्लेमड रकम के तौर पर जमा था जिसमें 671.88 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड रिडेम्पशन  और 918.79 करोड़ रुपये अनक्लेम्ड डिविडेंड के तौर पर जमा है. 


करोड़ों का अनक्लेम्ड शेयर्स 


अनक्लेम्ड शेयर्स की तादाद भी करोड़ो में है जिसे इंवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड ( IEPF) में ट्रांसफर कर दिया गया है. एक अनुमान के मुताबिर 117 करोड़ शेयर्स इंवेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड में ट्रांसफर किया गया है जिसका वैल्यू 50,000 करोड़ रुपये के करीब आंका जा रहा है. साथ ही इन शेयर्स पर 5700 करोड़ रुपये का डिविडेंड भी शामिल है. 


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