New Vande Bharat Trains: भारत सरकार ने देश की लोकप्रिय ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) के नेटवर्क में और इजाफा करने का फैसला किया है. दो नई वंदे भारत एक्सप्रेस का ऐलान किया गया है. दोनों ट्रेनों की शुरुआत पटना से की जाएगी. यह दोनों वंदे भारत पटना को लखनऊ, अयोध्या और सिलीगुड़ी से जोड़ेंगी. यह दोनों वंदे भारत ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा के लिए तैयार की गई हैं. इन वंदे भारत ट्रेन के जरिए न सिर्फ यात्रियों को सुविधा मिलेगी बल्कि यात्रा का समय भी कम होगा. इन्हें राजधानी ट्रेन (Rajdhani Trains) से भी तेज गति से चलने के लिए तैयार किया गया है. 


पटना से सिलीगुड़ी के बीच दौड़ेगी पहली वंदे भारत


पहली वंदे भारत एक्सप्रेस पटना से सिलीगुड़ी (Patna to Siligudi) के बीच दौड़ेगी. यह 471 किमी की दूरी सिर्फ 7 घंटे में पूरी करेगी. सिलीगुड़ी से यह ट्रेन सुबह 6 बजे चलकर पटना दोपहर में 1 बजे पहुंचेगी. वापसी में यही ट्रेन पटना जंक्शन से दोपहर 3 बजे चलकर सिलीगुड़ी रात 10 बजे पहुंच जाया करेगी.  यह सेवा मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में 6 दिन जारी रहेगी. फिलहाल न्यू जलपाईगुड़ी में चल रहे मेंटेनेंस कार्य के चलते यह निर्णय लिया गया है. पटना सिलीगुड़ी वंदे भारत ट्रेन देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाकों को आपस में जोड़ेगी. यह अन्य ट्रेनों के मुकाबले कम समय में यात्रा पूरी करेगी. 


पटना से लखनऊ के बीच चलेगी दूसरी वंदे भारत


दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस पटना से लखनऊ के बीच चलेगी. यह धार्मिक शहर अयोध्या से भी होकर गुजरेगी. फिलहाल ट्रेन की टाइमिंग तय नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि यह पटना से सुबह 6 बजे चलकर रात 10.30 बजे लखनऊ पहुंचेगी. यह दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से होकर गुजरेगी. इसके चलते यह ट्रेन इन दो शहरों के बीच की दूरी जल्द तय कर सकेगी. इन दोनों ट्रेनों के ट्रायल रन शुरू हो चुके हैं. जल्द ही फाइनल शेड्यूल का ऐलान कर दिया जाएगा. 


554 रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न बनाने का काम जारी 


इन दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने से भारतीय रेलवे को मॉडर्न बनाने की मुहिम तेज हो जाएगी. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Station Scheme) के तहत 41 हजार करोड़ रुपये की लागत से 554 रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न बनाने और 1500 रोड ओवर ब्रिज एवं अंडरपास का उद्घाटन किया था. इसमें उत्तर रेलवे के 43 रेलवे स्टेशन और 92 आरओबी/आरयूबी भी शामिल हैं. अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए अब तक 1318 स्टेशनों की पहचान की जा चुकी है.


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