दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति एवं हाल ही में ट्विटर के नए मालिक बने एलन मस्क (Elon Musk) ने अंतत: लिंडा याकारिनो (Linda Yaccarino) को नया सीईओ बनाने का आधिकारिक ऐलान कर दिया. मस्क ने भारतीय समयानुसार शुक्रवार की देर शाम को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान ने किसी को भी हैरान नहीं किया, क्योंकि पहले से ही लिंडा के नाम के कयास लग रहे थे.


उथल-पुथल का पर्याय ‘ट्विटर’


लिंडा याकारिनो के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, वह अभी एनबीसी यूनिवर्सल के साथ काम रही थीं. अब उनके पास पहले की तुलना में काफी बड़ी जिम्मेदारी आने वाली है. एलन मस्क के द्वारा अधिग्रहण करने के बाद से ट्विटर में भारी उथल-पुथल का दौर चल रहा है. एक के बाद एक बदलाव और उलटते-पुलटते फैसलों से हर कोई हैरान है. ऐसे में एनालिस्ट मान रहे हैं कि लिंडा याकारिनो को ट्विटर में मिला सीईओ का पद उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं साबित होने वाला है.


शायद न मिल पाए ऐसी आजादी


बहरहाल बकौल एलन मस्क, लिंडा अभी बिजनेस ऑपरेशंस पर मुख्य रूप से काम करेंगी, जबकि एलन मस्क खुद प्रोडक्ट डिजाइन व नई प्रौद्योगिकी की जिम्मेदारी देखेंगे. इसका यह मतलब निकाला जा रहा है कि भले ही लिंडा ट्विटर की बॉस बनाई जा रही हैं, लेकिन उनके ऊपर एलन मस्क हमेशा बॉस बनकर खड़े रहने वाले हैं. आसान शब्दों में कहें तो अभी तक ट्विटर के सभी सीईओ को काम करने की जो आजादी मिलती रही है, वह शायद लिंडा को नहीं मिल पाए.


सीईओ के ऊपर सुपरबॉस


लिंडा ट्विटर की सातवीं सीईओ बन रही हैं. वह एलन मस्क की जगह लेंगी, जो ट्विटर को खरीदने के बाद पिछले साल सीईओ बने थे. इससे पहले जैक डोर्सी, इवान विलियम्स, डिक कोस्टोलो और पराग अग्रवाल ट्विटर का सीईओ पद संभाल चुके हैं. इसके पहले जो भी ट्विटर के सीईओ रहे हैं, कमोबेश सबके साथ यह स्थिति रही है कि उनके ऊपर कोई सुपरबॉस नहीं रहा है.


बड़ी मुश्किल है डगर...


लिंडा के सामने ट्विटर में पसरे ‘मेस’ को समेटने की भी जिम्मेदारी होगी. एलन मस्क के आने के बाद ‘ट्विटर ब्लू’ सबसे बड़ा बदलाव हुआ है. इसे लेकर भी कई बार नीतियां बदली हैं. अभी जो स्थिति है, उसमें भी कई बार शरारती तत्व किसी बड़ी कंपनी या सेलेब्रिटी के नाम से अकाउंट बनाकर ब्लू टिक खरीद ले रहा है, और अनाप-शनाप ट्वीट कर दे रहा है. इसे कैसे ठीक किया जाए और एलन मस्क के ड्रीम चेंज को बनाए भी रखा जाए, यह संतुलन साधाना टेढ़ी खीर होगी.


सबसे मुश्किल ये वाला काम


एलन मस्क जबसे ट्विटर में आए हैं, वे लगातार लागत को कम करने और कंपनी को मुनाफे में लाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए भारी पैमाने पर ट्विटर में छंटनी की गई है. कंपनी ने लागम कम करने के कई अन्य उपाय भी किए हैं. हालांकि कंपनी को कमाई के सबसे बड़े स्रोत पर ही झटका लगा है. नियमों को लेकर अस्पष्टता के चलते कई विज्ञापनदाताओं ने ट्विटर से दूरी बनाई है. लिंडा के सामने पुराने विज्ञापनदाताओं को वापस लाने, नए विज्ञापनदाता जोड़ने और लागत को कम रखते हुए कंपनी को मुनाफे में लाने की चुनौती भी होगी.


खुद ही पता बता रही हैं चुनौतियां


एनसीआरटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लिंडा को अभी सालाना 4 मिलियन डॉलर की सैलरी मिल रही थी. वहीं एलन मस्क से पहले वाले ट्विटर के दौर में पराग अग्रवाल को सालाना 30 मिलियन डॉलर की सैलरी दी जा रही थी. इस हिसाब से देखें तो लिंडा की सैलरी एक झटके में कई गुणा बढ़ सकती है. हालांकि इस बात के कयास हैं कि लिंडा की सैलरी पराग की तुलना में कम ही रहने वाली है. बहरहाल, सैलरी को लेकर अभी आधिकारिक रूप से कुछ कहा नहीं गया है, लेकिन चुनौतियां खुद ही अपना ऐलान पहले से कर चुकी हैं.


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