इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हो या सेबी जैसे नियामक, उनके नोटिस को हल्के में नहीं लेना चाहिए. नोटिस को नजरअंदाज करना कई बार लोगों को भारी पड़ जाता है और आर्थिक दंड से लेकर जेल तक की सजा भुगतने पर मजबूर होना पड़ता है.


सेबी के नोटिस से जुड़ा एक ऐसा ही मामला अभी सामने आया है, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति को हजारों रुपये का जुर्माना लगा है. दरअसल उन्हें सेबी का नोटिस मिले दो दशक यानी 20 साल से भी ज्यादा समय हो चुका है. उन्होंने अब जाकर नोटिस का संज्ञान लिया, जिसके बाद कोर्ट ने उनके ऊपर हजारों रुपये का जुर्माना लगा दिया. हालांकि उनकी अधिक उम्र को देखते हुए कोर्ट ने कम ही जुर्माना लगाया.


22 साल बाद नोटिस पर एक्शन


मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला जुड़ा है बीएल इन्वेस्टमेंट के प्रोपराइटर बजरंग लाल इंदरमल गोयल से. गोयल को सेबी ने 22 साल पहले 2002 में एक मामले में नोटिस भेजा था. गोयल इस साल 10 जनवरी को उस मामले में सेबी की एक विशेष अदालत के सामने हाजिर हुए और अपना दोष कबूल किया. उनकी 80 साल की उम्र और डिमेंशिया की बीमारी को देखते हुए कोर्ट ने सिर्फ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.


इस मामले में सेबी ने भेजा नोटिस


बाजार नियामक सेबी को साल 2001 में गोयल के खिलाफ एक शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि गोयल ने बिना रजिस्ट्रेशन के सब-ब्रोकर का काम किया. उसके बाद सेबी ने मामले में 2002 में गोयल को नोटिस भेजा. नोटिस में बाजार नियामक की ओर से गोयल को रजिस्ट्रेशन कराने की हिदायत दी गई और चेतावनी दी गई कि पालन नहीं करने पर आर्थिक जुर्माना लग सकता है.


इन कारणों से कोर्ट ने दी कम सजा


हालांकि गोयल ने लंबे समय तक सेबी के नोटिस का संज्ञान नहीं लिया. अब जाकर वह कोर्ट के सामने हाजिर हुए. चूंकि उन्होंने खुद से अपना दोष कबूल किया, उनकी उम्र 80 साल से ज्यादा हो चुकी है, वह कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और संबंधित मामले में न तो नियामक को और न ही किसी व्यक्ति को कोई आर्थिक नुकसान हुआ, कोर्ट ने मामूली जुर्माना लगाकर मामले को खत्म करने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने उन्हें जुर्माने का भुगतान करने के लिए कहा है और साथ ही हिदायत दी है कि जुर्माना नहीं भरने पर एक महीने की जेल की सजा हो सकती है.


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