Tax Free State of India: टैक्स फाइल करने का सीजन चल रहा है. पूरा देश इस वक्त इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने में व्यस्त है. हालांकि, आज हम आपको देश के एक ऐसे राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के लोगों को इससे छूट दी गई है. यानी कि यहां के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता है. आइए जानते हैं कि क्यों यहां के नागरिकों को यह विशेष दर्जा दिया गया है? 

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इस राज्य के लोगों को नहीं देना पड़ता टैक्स 

भारत के नागरिक आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देश का हर नागरिक इनकम टैक्स देने के लिए जिम्मेदार है. हालांकि, हम यहां जिस राज्य की बात कर रहे हैं वहां के मूल निवासियों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(26AAA) के तहत आयकर के भुगतान से छूट दी गई है. हम यहां जिस राज्य की बात कर रहे हैं वह है सिक्किम. यहां के लोगों को टैक्स नहीं देना पड़ता है. 

आखिर क्यों मिली आयकर से छूट की सुविधा?  

सिक्किम की स्थापना 1642 में हुई थी और 1950 में हुए भारत-सिक्किम शांति समझौते के अनुसार, सिक्किम भारत का संरक्षित राज्य बन गया. इस समझौते के तहत सिक्किम को भारत में शामिल करने को लेकर वहां के मूल निवासियों की कुछ शर्तें थीं.

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एक शर्त ये भी रखी गई थी कि सिक्किम के निवासियों को कभी टैक्स नहीं देना होगा.1975 में सिक्किम पूरी तरह से भारत का हिस्सा बन गया, तो सिक्किम के लोगों पर आयकर में छूट की शर्तें लागू हो गईं. इसी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10 (26AAA) के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से छूट प्रदान की गई है.

इस रजिस्टर में दर्ज हैं सारे रिकॉर्ड 

वैसे तो सिक्किम के लोगों को 1950 से टैक्स में छूट मिल रही है क्योंकि उस दौर में सिक्किम के शासक चोग्याल ने साल 1948 में ही सिक्किम टैक्स मैन्युल को मंजूरी दे दी थी. ऐसा माना जाता है कि भारत का हिस्सा बनने से पहले सिक्किम में बसे पुराने निवासियों का रिकॉर्ड सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन के तहत बनाए गए रजिस्टर में दर्ज है.

पहले यह कानून केवल उन्हीं लोगों तक सीमित था जिनके पास सिक्किम का नागरिक होने का प्रमाण पत्र और उनके वंशज होने का प्रमाण पत्र था. बाद में उन्हें सिक्किम नागरिकता संशोधन आदेश, 1989 के तहत भारत का नागरिक माना गया. 26 अप्रैल, 1975 (सिक्किम के भारत में विलय से एक दिन पहले) तक सिक्किम में रहने वाले भारतीय लोगों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिक्किम के मूल निवासी का दर्जा दिए जाने के बाद यहां की 95 परसेंट आबादी कर-देयता से मुक्त हो गई है. 

आयकर अधिनियम, 1961 में धारा 10 (26AAA) जोड़ी गई थी, जिस दिन सिक्किम में आयकर अधिनियम लागू हुआ था. धारा 10 (26AAA) का उद्देश्य टैक्स में छूट देकर टैक्सपेयर्स के बोझ को कम करना है इसलिए टैक्स स्लैब में बदलाव होने के बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में सिक्किम में टैक्स को लेकर किसी कानून को नहीं बदला. 

 

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