Layoffs in IT & Tech: कभी युवाओं के लिए करियर की सबसे पसंदीदा राह होती थी — इंजीनियरिंग. मोटी सैलरी और शानदार लाइफस्टाइल के कारण आईटी सेक्टर में काम करना लाखों युवाओं का सपना हुआ करता था. लेकिन अब यही सेक्टर उन सपनों को तोड़ रहा है. हालात ये हैं कि आज सबसे ज्यादा छंटनी आईटी सेक्टर में ही हो रही है.

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इस साल एक लाख से ज्यादा नौकरियां गईं

Layoffs.fyi के आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 में अब तक एक लाख से ज्यादा आईटी पेशेवरों की नौकरियां खत्म हो चुकी हैं. कंपनियों का पूरा ध्यान अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड सर्विसेज और प्रॉफिटेबिलिटी पर है. इस बदलाव का सीधा असर पारंपरिक सॉफ्टवेयर नौकरियों पर पड़ा है. भारत से लेकर अमेरिका के सिलिकॉन वैली तक छंटनी की लहर जारी है.

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भारत की TCS से लेकर अमेरिका की Intel तक छंटनी

TCS ने जुलाई से सितंबर के बीच 20,000 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर किया. Intel ने अपने कुल वर्कफोर्स का 22% (करीब 24,000 कर्मचारी) घटा दिया. कंपनी AMD और NVIDIA जैसी प्रतिस्पर्धी कंपनियों से मुकाबले के लिए पोलैंड, जर्मनी और अमेरिका में अपनी यूनिट्स का पुनर्गठन कर रही है.

Microsoft ने इस साल 9,000 कर्मचारियों की छंटनी की. Amazon ने 14,000 कॉर्पोरेट नौकरियों को खत्म किया, ताकि कंपनी क्लाउड इनोवेशन और एआई डेवलपमेंट पर फोकस कर सके. Meta (Facebook) और Google (Alphabet) ने हार्डवेयर, एंड्रॉइड और अन्य डिवीजन में स्टाफ कम किया. Oracle के अमेरिकी ऑफिस में भी सैकड़ों कर्मचारी प्रभावित हुए हैं.

छंटनी सिर्फ टेक सेक्टर तक सीमित नहीं

UPS (लॉजिस्टिक्स कंपनी) अब तक की सबसे बड़ी छंटनी की योजना बना रही है- करीब 48,000 कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में हैं. Ford Motors ने 8,000 से 13,000 कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया है.

तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि AI और ऑटोमेशन की वजह से पारंपरिक आईटी नौकरियों की मांग घट रही है. कंपनियां अब कम कर्मचारियों के साथ ज्यादा काम करवाने की रणनीति अपना रही हैं. आने वाले वर्षों में डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी और एआई-आधारित भूमिकाओं की मांग तो बढ़ेगी, लेकिन पारंपरिक कोडिंग या सपोर्ट सर्विसेज में रोजगार तेजी से घटते रहेंगे.

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