car bike insurance: कार या बाइक खरीदना कई लोगों के लिए सपने के साकार होने जैसा होता है. साथ ही वाहन बीमा पॉलिसी भी जरूरी है. वाहन का बीमा कराना कार या बाइक चोरी होने और दुर्घटना होने पर काफी मददगार साबित होता है. भारत में वाहन चोरी की वारदातें पिछले काफी वक्त में बढ़ी हैं. वाहन चोरी होने की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम देती हैं. लेकिन कई बार इंश्योरेंस क्लेम की प्रक्रिया को लेकर काफी लोग परेशान रहते हैं. इसके पीछे बड़ी वजह है उनके दस्तावेजों का पूरा न होना. चलिए जानते हैं किन डॉक्यूमेंट्स की होगी आवश्यकता..


FIR दर्ज कराएं: अगर आपका वाहन चोरी हो गया है तो बिना देरी किए तुरंत नदजीकी पुलिस स्टेशन जाएं, वह जाकर FIR दर्ज कराएं. अक्सर देखने को मिलता है लोग वाहन चोरी होने की स्थिति में घबरा जाते हैं और परिजनों और दोस्तों को फोन करने लगते हैं और FIR दर्ज कराने की जगह घर चले जाते हैं. ऐसी स्थिति में सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन जाना चाहिए. बीमा क्लेम करने में एफआईआर सबसे अहम डॉक्यूमेंट्स होता है.


क्लेम फॉर्म भरें: FIR दर्ज कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी के कस्टमर सर्विस सेंटर पर कॉल करें और क्लेम फॉर्म भरें. फॉर्म में भरी जाने वाली डिटेल्स में कार डिटेल, पॉलिसी नंबर, वाहन की डिटेल्स, घटना का समय तारीख शामिल है. घटना के बारे में संपूर्ण विवरण दें.


इन डॉक्यूमेंट्स की होगी आवश्यकता: वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) की एक कॉपी, क्लेम फॉर्म, ड्राइविंग लाइसेंस, पॉलिसी दस्तावेज के पहले दो पेज, पुलिस प्राथमिकी की कॉपी और क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को चोरी की जानकारी देने वाला लेटर इंश्योरेंस कंपनी को जमा करना होगा.


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