कहते तो सब यही हैं कि सस्ता लो, महंगा बेचो लेकिन होता है अक्सर इसका उल्टा. अक्सर यह समझ नहीं आता कि कब  खरीदें और कब बेचें. शेयर बाजार में निवेशकों के मन में डर और लालच हमेशा बना रहता है. गिरते बाजार में खरीदते हुए डर लगता है और चढ़ते बाजार में रुका नहीं जाता. अक्सर हमारी भांवनाएं निर्णय लेने में बाधा डालती हैं. दूसरी समस्या यह भी है कि बेच दिया और यदि प्रॉफिट भी कमा लिया तो अब सवाल यह है कि पैसों को निवेश कहां करें. साथ ही स्कीम में लगने वाले एक्जिट लोड, कैपिटल गेन टैक्स इत्यादि की चिंता. ऐसे में नियमों पर आधारित निवेश मददगार साबित हो सकता है. 


बैलेंस्ड एडवांटेज फंड के बारे में जानें
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड म्यूचुअल फंड की ऐसी कैटेगरी है जिसमें खरीदना बेचना और पोर्टफोलियो रिबैलेन्सिंग करना सभी पहले से तय नियमों के आधार पर होता है. सेबी के अनुसार ये ओपन एंडेड डायनामिक एसेट एलोकेशन फंड होते हैं. यानि कि ये फंड इक्विटी और डेब्ट दोनों ही ऐसेट क्लास में निवेश कर सकते हैं और इक्विटी और डेब्ट के बीच एलोकेशन पूंजी बाजार की स्थिति के आधार पर तय होता है. पहले से नियम तय होंगे तो लालच और डर का बैरियर ख़त्म हो जायेगा साथ ही स्कीम को इस तरह से मैनेज किया जाता है कि कैपिटल गेन पर टैक्स काम लगे और अधिक से अधिक मुनाफा निवेशकों के हाथ में ही रहे. चलिए आज यहां पर इस कैटेगरी के कुछ फंड को समझने की कोशिश करते हैं.


आदित्य बिरला सन लाइफ बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
यह इस कैटेगरी के बेहतरीन फंड में से एक है. यह फंड प्राइस अर्निंग रेश्यो यानि कि पीई रेश्यो के आधार पर शेयरों का मूल्यांकन करता है. फंड पोर्टफोलियो में शेयरों का चुनाव टॉप डाउन और बॉटम अप पद्धति के अनुसार करता है. यानि कि शेयरों का चुनाव करते समय अर्थव्यवस्था, बिजनेस साईकिल के साथ साथ कम्पनी के वित्त संकेतों पर भी ध्यान दिया जाता है. पहले यह पता लगाया जाता है कि कौन सा सेक्टर आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन करेगा और फिर उस सेक्टर के बेहतरीन शेयर इस फंड के पोर्टफोलियो में जगह बना पाते हैं. डेट पोर्टफलियो की बात करें तो इसमें उच्च गुणवत्ता और २ साल से कम परिपक्वता वाले निवेश के साधनों को शामिल किया जाता है ताकि जोखिम कम रहे. यह फंड 25 अप्रैल 2000 को  लॉन्च  हुआ था और फंड का पिछला प्रदर्शन शानदार रहा है. रेगुलर प्लान ने शुरुआत से लेकर अभी तक करीब 10 फीसदी सालाना की कम्पाउंडिंग ग्रोथ दी है. वहीं पिछले एक साल में यह फंड  लगभग 29 प्रतिशत और पिछले 5 सालों में औसत 10 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिलाने में कामयाब रहा है.


आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
यह फंड इस कैटेगरी का पायनियर फंड है. यह फंड अपने निजी प्राइस टू बुक मॉडल के आधार पर शेयरों का मूल्यांकन करता है और इस आधार पर यदि किसी शेयर में कम जोखिम के साथ मजबूत मुनाफे की सम्भावना दिखाई देती है तभी उसे इस स्कीम के पोर्टफोलियो में जगह मिलती है. इस फंड की पूरी परिसंपत्ति का 30 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के बीच लार्ज और मिड कैप श्रेणी के चुनिंदा शेयरों में निवेश किया जाता है. ये स्कीम 30 दिसंबर 2006 को लॉन्च हुयी थी और इस फंड के रेगुलर प्लान ने शुरुआत से लेकर अभी तक करीब 11 प्रतिशत सालाना की औसत दर से रिटर्न दिया है. वहीं पिछले एक साल में 25 प्रतिशत से अधिक और पिछले 5 सालों में औसत 10 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दर्ज किया है. डायरेक्ट प्लान के रिटर्न थोड़े और भी बेहतर हैं क्योंकि वहां पर एक्सपेंस रेश्यो कम है .


निप्पॉन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
यह भी इस कैटेगरी का एक अच्छा फंड है. सेबी ने जब 2017 में म्यूचुअल फंड्स की श्रेणी को पुनः परिभाषित किया तब रिलायंस म्यूचुअल फंड ने रिलायंस एनआरआई इक्विटी फंड का नाम बदल कर इसे रिलायंस बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कर दिया था. बाद में जब सन 2019 में जब निप्पॉन म्यूचुअल फंड ने रिलायंस म्यूचुअल फंड का अधिग्रहण कर लिया तो इस फंड का नाम निप्पॉन बैलेंस्ड अडवांटेज फंड हो गया. यह फंड प्राइस अर्निंग रेश्यो के आधार पर और शार्ट एंड मीडियम टर्म के मोमेंटम के आधार पर  शेयरों का मूल्यांकन करता है. मूलतः यह फंड 15 नवंबर 2004 को लॉन्च हुआ था. हालांकि शुरुआत में यह एक अलग केटेगरी का फंड था. शुरुआत से लेकर अभी तक इस फंड का प्रदर्शन देखें तो इस फंड ने सालाना लगभग 16 प्रतिशत की कम्पाउंडेड ग्रोथ दर्ज की है. लेकिन इन रिटर्न को सन्दर्भ के तौर पर लेना उचित नहीं होगा क्योंकि फंड उस वक्त एक डैम अलग था. पिछले एक साल में फंड में लगभग 29 प्रतिशत और पिछले 5 साल में लगभग 11 प्रतिशत का औसत सालाना रिटर्न दर्ज कराया है जो कि अपने आप में आकर्षक रहा है. 


ऐसे निवेशक जो पहली बार शेयर बाजार पर आधारित म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं उनके लिए इस कैटेगरी के फंड्स उचित हैं. जो सीमित जोखिम के साथ शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, साथ ही ऐसे निवेशक जो अपने नियमित खर्चों के लिए सिस्टेमेटिक विड्राल प्लान के जरिये नियमित रकम पाना चाहते हों वे भी इस तरह के फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.  


इस लेख के लेखक पंकज मठपाल सर्टिफाइड फ़ाइनेंशियल प्लानर हैं और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ हैं.


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