शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को कई तरह से कमाई होती है. शेयरों के भाव में आने वाली तेजी के अलावा कंपनियां अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड और बायबैक के जरिए रिटर्न देती हैं. आंकड़े बताते हैं कि इन तरीकों से शेयरहोल्डर्स को रिटर्न देने में आईटी कंपनियां काफी आगे हैं.


ये हैं टॉप 5 आईटी कंपनियां


फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, टॉप-5 लिस्टेड आईटी कंपनियों ने लाभांश और शेयरों की पुनर्खरीद के जरिए पिछले चार वित्त वर्ष के दौरान अपने शेयरहोल्डर्स को 3.28 लाख करोड़ रुपये लौटाए हैं. पांचों टॉप आईटी कंपनियों को औसत पेआउट 79.6 फीसदी है. आपको बता दें कि शेयर बाजार में लिस्टेड पांच बड़ी आईटी कंपनियां टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक हैं. इनमें टीसीएस सबसे बड़ी कंपनी है, जो घरेलू शेयर बाजार की सभी कंपनियों में बाजार पूंजीकरण के हिसाब से दूसरे नंबर पर है और सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज से ही पीछे है.


पहले नंबर पर टाटा की टीसीएस


आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2018-19 से वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान टीसीएस ने डिविडेंड के रूप में शेयरहोल्डर्स को 1,17,087 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. वहीं कंपनी ने इस दौरान 50 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की है. इस तरह टीसीएस 94 फीसदी के पेआउट रेशियो के साथ शेयरहोल्डर्स को रिटर्न देने में सबसे आगे है.


इंफोसिस ने किया इतना रिटर्न


दूसरे नंबर पर इंफोसिस है, जिसने पिछले 4 वित्त वर्ष के दौरान 58,131 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है और 26,756 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की है. इंफोसिस का पेआउट रेशियो 87 फीसदी है. 72.5 फीसदी के पेआउट रेशियो के सथ टेक महिंद्रा तीसरे स्थान पर है, जिसने आलोच्य अवधि में 14,832 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है और 1,956 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद की है.


विप्रो का है सबसे कम पेआउट रेशियो


पिछले 4 वित्त वर्षों में एचसीएल टेक ने 30,045 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है, जबकि 4000 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की है. कंपनी का पेआउट रेशियो 56.1 फीसदी है. वहीं विप्रो ने इस दौरान 5,393 करोड़ रुपये के डिविडेंड के साथ-साथ 20 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद की है. विप्रो का पेआउट रेशियो 47.8 फीसदी है.


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