एलन मस्क की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला ने एक भारतीय कंपनी के खिलाफ मुकदमा शुरू किया है. इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला इंक ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.


दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची टेस्ला


एलन मस्क की कंपनी ने गुरुग्राम बेस्ड कंपनी के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. यह मामला ट्रेडमार्क के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है. जिस कंपनी के खिलाफ टेस्ला इंक हाई कोर्ट पहुंची है, उसका नाम टेस्ला पावर इंडिया है. टेस्ला इंक ने हाई कोर्ट से मांग की है कि वह टेस्ला पावर इंडिया को ट्रेडमार्क टेस्ला का इस्तेमाल करने से रोके.


टेस्ला इंक ने लगाए ये आरोप


टेस्ला इंक की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि ट्रेडमार्क के गलत इस्तेमाल से अमेरिकी कंपनी की प्रतिष्ठा पर आंच आ रही है और उसके व्यावसायिक हित प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि नाम के इस्तेमाल से ग्राहकों को भी भ्रम हो रहा है. टेस्ला पावर की बैटरी के खिलाफ आने वाली शिकायतें अमेरिकी कंपनी ईवी मेकर टेस्ला इंक को रिडाइरेक्ट कर दी जा रही हैं, क्योंकि ग्राहक उसे एलन मस्क की कंपनी से जुड़ा हुआ मान ले रहे हैं.


इस तरह विज्ञापन देने का आरोप


चंदर लाल का आरोप है कि गुरुग्राम बेस्ड कंपनी टेस्ला पावर अपनी बैटरियों का अखबारों में विज्ञापन दे रही है, जिनमें वह खुद को एक इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी के रूप में दिखा रही है. इतना ही नहीं, बल्कि गुरुग्राम स्थित कंपनी टेस्ला पावर अमेरिकी कंपनी के लोगो का भी इस्तेमाल कर रही है.


22 मई को होगी अगली सुनवाई


अमेरिकी कंपनी की याचिका के बाद कोर्ट ने गुरुग्राम स्थित कंपनी टेस्ला पावर को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने अगली सुनवाई तक टेस्ला पावर को टेस्ला इंक से मिलता-जुलता ट्रेडमार्क यूज करने और ईवी प्रोडक्ट के साथ विज्ञापन देने से रोक दिया है. मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होने वाली है.


दूसरी ओर टेस्ला पावर का कहना है कि वह कई सालों से बिजनेस कर रही है. वह गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली परंपरिक बैटरियां बनाती है. ईवी के सेगमेंट में उतरने की उसकी कोई योजना नहीं है. कंपनी ने कोर्ट में ये भी दावा किया कि उसकी बैटरियों के पहले से ही लाखों ग्राहक हैं.


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