समय के साथ देश में विभिन्न बीमा उत्पादों की मांग बढ़ रही है. जैसे-जैसे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है, बीमा उत्पादों के बारे में उनकी समझ बेहतर हो रही है. एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ समय में टर्म इंश्योरेंस को लेकर लोगों की धारणा बेहतर हुई है. खासकर सेल्फ एम्पलॉयड लोग, जो अमूमन टर्म इंश्योरेंस से दूरी बनाकर रखते थे, अब ज्यादा टर्म इंश्योरेंस खरीद रहे हैं.


बीमा उत्पादों को लेकर ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइड करने वाले प्लेटफॉर्म पॉलिसी बाजार ने टर्म इंश्योरेंस को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ समय में सेल्फ एम्पलॉयड लोगों के बीच टर्म इंश्योरेंस की डिमांड में 10 फीसदी की तेजी देखी गई है. पॉलिसी बाजार ने डिमांड में आ रही इस तेजी के कारणों पर भी बात की है.


इन कारणों से बढ़ रही है डिमांड


पॉलिसी बाजार के अनुसार, पहले सेल्फ एम्पलॉयड लोगों को टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, क्योंकि ज्यादातर बीमा विकल्प नियमित आय वाले नौकरीपेशा लोगों के हिसाब से बनाए गए थे. इसके अलावा पहले इंश्योरेंस पॉलिसियों को मंजूरी देने के लिए फॉर्म-16 जैसी कागजी कार्रवाई और आय संबंधी सम्पूर्ण जानकारी की आवश्यकता होती थी, जिससे नॉन सैलेरीड लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. अब जबकि यूलिप लोगों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बना हुआ है, अपना बिजनेस करने वाले लोग टर्म प्लान में भी निवेश करने में रुचि दिखा रहे हैं.


पॉलिसी बाजार ने यह रिपोर्ट चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान सेल्फ एम्पलॉयड लोगों को बेची गई पॉलिसियों के आधार पर तैयार की है. रिपोर्ट के अनुसार, सेल्फ एम्प्लॉयड लोगों से आय प्रमाण संबंधी जानकारी नहीं मांगने वाली योजनाओं की हिस्सेदारी इन छह महीनों में बढ़कर 51 फीसदी हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान 36 फीसदी थी.


यूलिप का काफी अहम योगदान


रिपोर्ट के अनुसार, टर्म इंश्योरेंस की सेल्फ एम्पलॉयड लोगों के बीच बढ़ी डिमांड में यूलिप का अहम योगदान रहा है. इसकी हिस्सेदारी 41 फीसदी रही है. सबसे लोकप्रिय यूलिप में टाटा स्मार्ट संपूर्ण रक्षा-परम रक्षक, एचडीएफसी स्मार्ट प्रोटेक्ट, बजाज इन्वेस्ट प्रोटेक्ट गोल और मैक्स स्मार्ट फ्लेक्सी प्रोटेक्ट सॉल्यूशन शामिल हैं. ये सभी योजनाएं स्टैंडर्ड इनकम सर्टिफिकेट की जरूरत के बिना सुरक्षा और विकास प्रदान करती हैं. पारंपरिक यूलिप में वार्षिक प्रीमियम का 10 गुना तक कवर होता था क्योंकि उसका उद्देश्य केवल रिटर्न प्रदान करना होता था, लेकिन ये यूलिप 200 गुना तक लाइफ कवर प्रदान करते हैं.


अंडरराइटिंग के तरीकों में बदलाव


अंडरराइटिंग के तरीकों में बदलाव ने भी मदद की है. अब, आपको हमेशा अपना आयकर रिटर्न या वेतन का प्रमाण दिखाने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह है कि ज्यादातर लोग, खासतौर पर वो लोग जो सेल्फ एम्पलॉयड हैं या अपना कोई व्यवसाय करते हैं, टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी आसानी से खरीद सकते हैं.


रिपोर्ट की कुछ अन्य अहम बातें इस प्रकार हैं:



  • सेल्फ एम्प्लॉयड व्यक्ति अपनी वार्षिक आय का लगभग 10 गुना टर्म इंश्योरेंस कवरेज का विकल्प चुनते हैं.

  • सेल्फ एम्पलॉयड लोग 26 वर्ष की उम्र से ही टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदना शुरू कर देते हैं.

  • टर्म इंश्योरेंस खरीदारों में सेल्फ एम्पलॉयड पुरूषो की संख्या 89 प्रतिशत है जबकि महिलाओं के बीच यह आंकड़ा मात्र 11 प्रतिशत है.

  • टर्म इंश्योरेंस खरीदने वाले सेल्फ एम्प्लॉयड व्यक्तियों की संख्या में महाराष्ट्र सबसे आगे है.

  • महाराष्ट्र के बाद उत्तरी क्षेत्र में दिल्ली और उत्तर प्रदेश आगे है. साथ ही दक्षिण क्षेत्र में, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में टर्म इंश्योरेंस खरीदारों की संख्या सबसे अधिक देखी गई है.


ये भी पढ़ें: वित्त मंत्रालय का बयान- गलत है वित्त वर्ष 2028 तक जीडीपी के 100 पर्सेंट से ज्यादा कर्ज हो जाने की बात