Tata Consultancy Services: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को एक हफ्ते में दो करारे झटके लगे हैं. टीसीएस (TCS) पर अमरीका की एक अदालत ने 21 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर DXC टेक्नोलॉजी ने ट्रेड सीक्रेट चुराने का आरोप लगाया था. डीएक्ससी को पहले CSC के नाम से जाना जाता था. डीएक्ससी के केस को सुनते हुए टेक्सास की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया है. हालांकि, टीसीएस ने इस फैसले पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कि वह मामले को फिर से सुनवाई में ले जाएंगे. पिछले हफ्ते ही टीसीएस पर एपिक सिस्टम्स केस में 14 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगा था. अमेरिकी अदालतों के इन फैसलों से टीसीएस को भारी नुकसान होने की आशंका है. 


एक हफ्ते पहले ही लगा था 14 करोड़ डॉलर का जुर्माना


एक हफ्ते पहले ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एपिक सिस्टम्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए टीसीएस पर 14 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था. भारतीय कंपनी पर इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी चुराने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद टीसीएस ने जानकारी दी थी कि उन्हें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 12.5 करोड़ डॉलर का नुकसान होने की आशंका है.   


नौकरियां देकर सॉफ्टवेयर की जानकारी जुटाई 


सीएससी और ट्रांसअमेरिका ने 2014 में साझेदारी की थी. टीसीएस ट्रांसअमेरिका  के साथ मिलकर काम कर रही थी. इसके बाद डीएक्ससी ने 2019 में टीसीएस पर आरोप लगाया कि उन्होंने ट्रांसअमेरिका के 2200 कर्मचारियों को नौकरी दी. इसकी मदद से उन्हें सीएससी के सॉफ्टवेयर की जानकारी हो गई. कंप्यूटर साइंसेज कॉरपोरेशन और एचपीई के मर्जर से डीएक्ससी टेक्नोलॉजी बनी थी. कोर्ट ने कहा कि टीसीएस ने डीएक्ससी के दो सॉफ्टवेर का इस्तेमाल करके अपना सॉफ्टवेयर बनाया. इस वजह से उन पर ट्रेड सीक्रेट चुराने का आरोप साबित होता है.


आगे लड़ेगी टीसीएस 


कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम सम्मानपूर्वक इस फैसले का विरोध करते हैं और उच्च न्यायालय का रुख करेंगे. कंपनी ने अमेरिकी बाजार में कोई गलत काम नहीं किया. हम पर लग रहे आरोप सही नहीं हैं. 


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