Air India VRS Scheme: जनवरी 2022 में एयर इंडिया के कॉकपिट में सवार होने के बाद टाटा समूह लगातार दूसरी बार एयर इंडिया के कर्मचारियों के लिए वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम ( Voluntary Retirement Scheme) लाने की तैयारी में है. वीआरएस ऑफर के जरिए एयर इंडिया एम्पलॉयज कॉस्ट घटाने और युवा वर्कफोर्स को खुद के साथ ऑनबोर्ड करना चाहती है. 


जून में 1500 ने लिया वीआरएस 
इससे पहले एयर इंडिया को खरीदने के बाद टाटा समूह जून, 2022 में 4500 कर्मचारियों के लिए वीआरएस ऑफर लेकर आई थी लेकिन केवल 1500 कर्मचारियों ने ही ऑफर को स्वीकार किया था.  टाटा समूह ने जब सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया का अधिग्रहण किया तब उसके पास कुल 12,085 कर्मचारी थे जिसमें 8084 स्थाई कर्मचारी थे.  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले दो से तीन महीने के भीतर टाटा समूह एयर इंडिया के कर्मचारियों के लिए दूसरा वीआरएस ऑफर लेकर आ सकती है. पहले वीआरएस ऑफर में एयर इंडिया ने 40 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों जिन्होंने  20 साल ज्यादा अवधि तक के लिए लगातार अपनी सेवाएं दी उनके लिए ये ऑफर लेकर आई थी. एयरलाइंस ऑपरेशन से लेकर अलग अलग टीम में जो भी इस दायरे में आयेंगे वे वीआरएस लेने के योग्य माने जायेंगे.  


युवा वर्कफोर्स की हायरिंग
एयर इंडिया इन दिनों नए लोगों की हायरिंग में जुटी है. एयर इंडिया पायलट्स से लेकर केबिन क्रू और मैनेजिरियल स्टॉफ की हायरिंग कर रही है. एक तरफ कंपनी अपने वर्कफोर्स में युवा और नए चेहरे को जोड़ रही है तो उन कर्मचारियों को वीआरएस ऑफर कर रही है जो इसके दायरे में आते हैं. जिन लोगों ने लंबे समय तक एयरलाइंस  को अपनी सेवाएं दी है उनके लिए ये अच्छा अवसर होगा कि वे वीआरएस लेकर दूसरे विकल्पों की तलाश कर सकते हैं. अगले दो वर्षों में करीब 4000 एयर इंडिया के कर्मचारी रिटायर करने जा रहे हैं. इसलिए एयरलाइंस रिस्ट्रचरिंग की कोशिशों में जुटी है. 


30 फीसदी मार्केट शेयर का लक्ष्य 
एयर इंडिया ने अगले पांच वर्षों में घरेलू और इंटरनेशनल मार्केट में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल घरेलू मार्केट में एयरलाइंस की हिस्सेदारी 10 फीसदी तो इंटरनेशनल मार्केट में 12 फीसदी हिस्सेदारी है. एयर इंडिया अगले 15 महीनों में लीज पर लिए 30 नए एयरलाइंस को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है. साथ ही नए एयरक्रॉफ्ट भी खरीदने पर विचार कर रही है.  एयर इंडिया के अलावा एयर एशिया इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की हिस्सा है. टाटा संस लागत पर खर्च घटाने के मकसद से अपने सभी एयरलाइंस के कंसॉलिडेशन की तैयारी कर रही है.  टाटा समूह एयर इंडिया और विस्तारा के विलय के लिए सिंगापुर एयरलाइंस के साथ बात कर रही है. 


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