देश के शीर्ष कॉरपोरेट घरानों में एक टाटा समूह भारत का पहला प्रमुख प्राइवेट चिप प्लांट लगाने की अंतिम तैयारियों में है. टाटा समूह इसके लिए एक पार्टनर की तलाश कर रहा है. खबरों के अनुसार, संभावित पार्टनर की तलाश के लिए टाटा समूह की ताईवान की दो कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है.


ताईवान की इन कंपनियों के साथ बात


एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह गुजरात के धोलेरा में प्रस्तावित चिप प्लांट के लिए ताईवान की 2 कंपनियों पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन और यूएमसी ग्रुप के साथ बातचीत कर रहा है. टाटा समूह की योजना धोलेरा में चिप फैब्रिकेशन प्लांट शुरू करने की है, जो किसी भारतीय कॉरपोरेट ग्रुप के द्वारा पहला चिप प्लांट हो सकता है.


जल्द हो सकता है भूमिपूजन


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, टाटा समूह के धोलेरा प्लांट के लिए जल्दी ही भूमिपूजन होने की उम्मीद है. इस प्रस्तावित प्लांट में शुरुआत में 65 नैनोमीटर वाले चिप बनाने की योजना है. बाद में प्लांट में 48 नैनोमीटर और 28 नैनोमीटर के चिप भी बनाए जाएंगे. ग्राफिक प्रोसेसर यूनिट से लेकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तक 48 नैनोमीटर व 28 नैनोमीटर के चिप का ही इस्तेमाल होता है.


रोज इतने चिप के साथ शुरुआत


टाटा समूह के प्रस्तावित चिप प्लांट की शुरुआती क्षमता 25 हजार वेफर्स प्रति माह की हो सकती है. यानी शुरुआत में प्लांट में हर रोज 700 से एक हजार सेमीकंडक्टर बनाए जा सकते हैं. धोलेरा चिप प्लांट की क्षमता बाद में धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी.


टॉप-10 में शामिल दोनों कंपनियां 


ताईवान की जिन कंपनियों के साथ टाटा समूह की बातचीत चल रही है, वे चिप बनाने के मामले में अग्रिम कतार में शामिल हैं. यूएमसी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फॉन्ड्री है. वहीं पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन दुनिया की सातवीं सबसे बड़ी फॉन्ड्री है. कंपनी ने हाल ही में जापान में चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की शुरुआत की है. दोनों कंपनियों का मुख्यालय ताईवान के सिंचु (Hsinchu) शहर में है.


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