Sugar Price Hike Likely: आने वाले दिनों में चीनी की मिठास कड़वी हो सकती है. क्योंकि आने वाले दिनों में चीनी महंगी हो सकती है. मौजूदा चालू चीनी के प्रोडक्शन में कमी देखने को मिल सकती है. नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फेडरेशन (NFCSF) ने सितंबर को समाप्त होने वाले चालू वर्ष 2022-23 में चीनी उत्पादन के अनुमान को घटाकर 3.27 करोड़ टन कर दिया है. पहले उसने 3.55 करोड़ टन के उत्पादन का अनुमान था. 


मौजूदा सीजन में चीनी का उत्पादन 2021-22 के मुकाबले 9 फीसदी के करीब कम रहने का अनुमान है. 2021-22 में 3.59 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था. एनएफसीएसएफ के मुताबिक  देशभर में लगभग 531 चीनी मिलों ने 30 अप्रैल तक तीन करोड़ 20.3 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है. 531 चीनी मिलों में से 67 मिलें अभी भी चालू हैं. एनएफसीएसएफ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर ने कहा, पेराई की मौजूदा गति को देखते हुए देश में मौजूदा चीनी सत्र मई के अंत तक चलेगा और लगभग 3.27 करोड़ टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. 


उन्होंने कहा कि इसके अलावा लगभग 45 लाख टन चीनी शीरे को एथनॉल उत्पादन के लिए उपयोग में लाये जाने का अनुमान है. एनएफसीएसएफ ने कहा कि उसका अनुमान गन्ने और चीनी के उत्पादन की ताजा जानकारी पर आधारित है. 


चीनी के उत्पादन में कमी का असर अभी से कीमतों पर नजर आने लगा है. पिछले एक महीने में चीनी की कीमतों में 1.50 रुपये  प्रति किलो तक का उछाल देखने को मिला है. एक महीने पहले जो चीनी 41 रुपये किलो में मिल रहा था वो अब 42.50 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. होलसेल मार्केट में भी चीनी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. 


चीनी के महंगा होने का मतलब है कि बिस्कुट से लेकर चॉकलेट, कोल्ड ड्रींक्स, मिठाईयां जैसी सभी चीजें महंगी हो जाएंगी. यानि महंगी चीनी के चलते आम लोगों की जेब कटने वाली है. 


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