Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है. अमेरिकी टैरिफ, रुपये में गिरावट, अमेरिी बॉन्ड की बढ़ती अपील, सितंबर तिमाही में जीडीपी में सुस्ती जैसी कई वजहों से शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है. भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट की एक और बड़ी वजह FPI की ओर से मार्केट में हर दिन जारी बिकवाली भी है. साल 2025 में अब तक विदेशी निवेशक अब तक 88139 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. अब आशंका जताई जा रही है कि मिडकैप और स्मॉलकैप पॉकेट्स में तेज गिरावट का असर एसआईपी फ्लो पर पड़ सकता है. इससे बाजार में और भी गिरावट आ सकती है. 

बीएसई का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी घटा

पिछले पांच दिनों में BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 18,63,747 करोड़ रुपये घट गया है. मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने बिजनेस टुडे से बात करते हुए कहा, आगे चलकर सरकारी खर्च में कमी आने की संभावना और अब तक निराशाजनक आय को देखते हुए मूड पहले से ही खराब है. निवेशक बाजार में इस बढ़ते उतार-चढ़ाव के बीच अनिश्चित हैं और इसके चलते अपने शेयर बेच रहे हैं. 

मंगलवार को सेंसेक्स 1,018.20 अंक यानी 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 76,293.60 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी की बात करें तो यह 2.91 अंक टूटकर या 1.32 परसेंट की गिरावट के साथ 23,071.80 पर क्लोज हुआ. पिछले 5 दिनों की बिकवाली के दौरान सेंसेक्स में 2,290.21 अंक की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी में 667.45 अंक की गिरावट आई है. 

ये हैं शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजहें-

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने की वजह से अब ट्रेड वॉर का माहौल गहराता जा रहा है, जिससे महंगाई बढ़ने का डर है. 
  • अमेरिकी सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ का ऐलान किया, जिससे शेयर मार्केट की चाल डगमगा गई. 
  • एक तरफ डॉलर मजूबत हो रहा है और भारतीय करेंसी में गिरावट आ रही है, जिसका असर शेयर मार्केट पर पड़ रहा है. 
  • फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती करने के बाद अब निवेशक अमेरिकी बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
  • भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक लगातार अपने शेयर बेच रहे हैं, जिसका नेगेटिव इम्पैक्ट भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा है.

 

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