राज्यों के शटडाउन ने इकनॉमी का हुलिया और बिगाड़ा, जीडीपी डाउनग्रेडिंग के एक और दौर का खतरा 


कोरोनावायरस संक्रमण को काबू करने के लिए राज्यों में स्थानीय स्तर पर लगने वाले लॉकडाउन ने इकनॉमी को और नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. इस वजह से रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी ग्रोथ को और डाउग्रेड करना शुरू कर दिया है. बेंगलुरू और पुणे में कोविड-19 के बढ़ते मामलों से वहां नए सिरे से लॉकडाउन हो रहे हैं. इससे इकनॉमी को लगे झटके को देखते हुए इक्रा और केयर रेटिंग ने जीडीपी आकलन और घटा दिया है.

जुलाई में लॉकडाउन के बाद इक्रा ने जीडीपी में -9.5 फीसदी की गिरावट का आकलन पेश किया है. वहीं केयर रेटिंग ने कहा है कि जीडीपी में -6.4 फीसदी की गिरावट आ सकती है. एचडीएफसी और एसबीआई भी जीडीपी अनुमान घटाने की तैयारी में हैं. इक्रा ने पहले जीडीपी में पांच फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था लेकिन अब इसने कहा है कि इकनॉमी में 9.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है. उसी तरह केयर रेटिंग जिसने 1.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था उसने इसे बढ़ा कर 6.4 फीसदी कर दिया है.

राज्यों में लॉकडाउन से सप्लाई चेन को झटका 

दरअसल 25 मार्च को लगे लॉकडाउन के बाद इसमें छूट दी गई तो शुरुआती दो महीने में कारोबारी गतिविधियों में सक्रियता दिखी थी लेकिन बाद के महीनों में कई राज्यों और बड़े कारोबारी शहरों में दोबार ल़ॉकडाउन की वजह से इसमें काफी गिरावट दर्ज की गई. इस वजह से ही रेटिंग एजेंसियों ने जीडीपी में और गिरावट का अनुमान लगाया है.

उत्तर प्रदेश, प्रदेश, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और कई अन्य राज्यों में स्थानीय प्रशासन ने लॉकडाउन लागू किए. इससे सप्लाई चेन को झटका लगा. इस तरह के लॉकडाउन से सप्लाई चेन को लगे झटके ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में गिरावट आई. इसका सीधा असर जीडीपी ग्रोथ पर पड़ता दिख रहा है. इन हालातों को देखते हुए इक्रा, केयर, एचडीएफसी और एसबीआई के बाद अब क्रिसिल भी जीडीपी अनुमान घटा सकती है.