हम सभी जानते हैं कि स्टार्टअप में फंड्स की हमेशा दिक्कत रहती है और ऐसे में जब आप कुछ अच्छे रिसोर्स हायर करना चाहते हैं तो फंड्स का ना होना, आड़े आ जाता है. ऐसे में अपने स्टार्टअप में इंटर्नशिप की ओपनिंग निकाल कर आप ना सिर्फ अपने स्टार्टअप में नए और क्रिएटिव लोग ले कर आ सकते हैं, बल्कि देश में बहुत से युवाओं को सीखने का मौका भी दे सकते हैं. आज हम यह जानते हैं कि इंटर्नशिप क्या होती है और किस तरह से आप इंटर्नशिप के जरिये ना सिर्फ अपनी मदद करते हैं बल्कि देश के युवाओं को भी अपना करियर चुनने में मदद कर सकते हैं.


इंटर्नशिप क्या होती है?


इंटर्नशिप एक शॉर्ट टर्म वर्क कॉन्ट्रैक्ट होता है, जो अमूमन 45 दिनों से लेकर 90 दिनों तक चलता है, कुछ मामलों में ये 6 महीने तक भी चल जाता है. ये सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आपके स्टार्टअप में किस तरह का काम है और जो इंटर्न हैं वो कितना लम्बा काम करना चाहता हैं. आम तौर पर कॉलेज में अलग-अलग स्ट्रीम में पढने वाले युवा इसमें भाग लेते हैं, जो अपने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान प्रैक्टिकल अनुभव के लिए किसी कंपनी में काम करते हैं, इसके लिए उन्हें कॉलेज की तरफ से भी इंटर्नशिप में मदद की जाती है और साथ ही इंटर्नशिप के दौरान किये गए कार्य का प्रोजेक्ट वर्क उनके फाइनल मार्क्स में भी वैल्यू रखता है.


स्टार्टअप को कैसे मिलती है मदद?


जैसा कि ऊपर कहा गया है कि बहुत बार स्टार्टअप में इतने फंड्स नहीं होते हैं कि आप अनुभवी लोग हायर कर सकें. ऐसे में ये इंटर्न आपके बहुत काम आ सकते हैं. ये ना सिर्फ आपके स्टार्टअप में फ्रेश आइडिया लेकर आ सकते हैं, बल्कि इनकी एनर्जी भी कमाल की होती है. आज जिस तरह से स्टार्टअप का चलन लगातार बढ़ रहा है, युवाओं की रूचि स्टार्टअप में काम करने को लेकर बढ़ रही है. इन्हें स्टार्टअप में काम करने से बहुत सी नई चीजों को सीखने का मौका मिलता है, जो आम तौर पर कई बार पुरानी कंपनियों में नहीं मिलता है. 


इंटर्न हायर करने से पहले कर लें ये काम


हमने SkillingYou को बिल्ड करते समय बहुत सारे इंटर्न की मदद ली थी और हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा. इंटर्न को खोजने के बहुत से तरीके हैं, लेकिन उससे पहले ये जान ले कि एक इंटर्न आपकी कंपनी को क्यों ज्वाइन करेगा. आपको इसका ख्याल भी रखना पडेगा. इंटर्न को हायर करने से पहले आपकी कंपनी की पूरी इनफॉर्मेशन, वेबसाइट, सोशल मीडिया पेजेज सब कुछ पूरी तरह से कम्पलीट होनी चाहिए, क्यूंकि कोई भी इंटर्न आपकी कंपनी को ज्वाइन करने से पहले आपकी कंपनी के बारे में पढ़ना और जानना चाहेगा, अगर उसे वो इनफॉर्मेशन नहीं मिली तो उसकी दिलचस्पी नहीं जाग पाती है.


कैसे मिलेंगे इंटर्न?


इंटरनेट पर सैकड़ों ऐसी वेबसाइट और ऐप हैं, जहां आपको ढेरों इंटर्न मिल जाएंगे. उदाहरण के लिए internshala, lets intern जैसे तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म्स हैं, जहां आपको अपनी कंपनी की प्रोफाइल बनाकर, वहां अपनी इंटर्नशिप की ओपनिंग को पब्लिश करना होता है, उसके बाद इंटर्न उसमें अप्लाई करते हैं. उसके बाद आप उनकी प्रोफाइल के हिसाब से उन्हें इंटरव्यू करके हायर कर सकते हैं.


इसके साथ ही, हर कॉलेज में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (TPO) होते हैं, जिनकी जिम्मेदारी होती है, अपने कॉलेज के स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप और जॉब्स के बारे में बताना और मौका देना. आप Linkedin जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके उनसे कनेक्ट कर सकते हैं और अपनी जरूरतों के बारे में बता सकते हैं. इस माध्यम से भी आपको बहुत से इंटर्न मिल सकते हैं. 


इंटर्नशिप पेड या फ्री?


मार्केट में  आपको दोनों तरह के इंटर्न मिल जाएंगे. दरअसल पेड या फ्री इंटर्नशिप से पहले, कोई भी इंटर्न ये देखता है कि आपकी संस्था में उसे सीखने के लिए क्या मिलेगा. उसका पहला उद्देश्य सीखना होता है. अगर आपके मेंटरशिप में दम है तो आपको बहुत से इंटर्न फ्री यानी बिना स्टाइपेंड के भी मिल सकते हैं. हालांकि स्टूडेंट्स हमेशा पेड इंटर्नशिप ज्यादा प्रेफर करते हैं. अलग अलग कॉलेज के स्टूडेंट्स अलग अलग स्टाइपेंड की डिमांड करते हैं. ये आमतौर पर 5000 से लेकर 20000 रुपये महीना भी चला जाता है. स्टाइपेंड का मामला थोडा सब्जेक्टिव है. अच्छे कॉलेज के स्टूडेंट्स आपको हमेशा महंगे स्टाइपेंड पर मिलेंगे.  


क्या कर सकते हैं इंटर्न?


इन कॉलेज स्टूडेंट्स में बहुत प्रतिभा होती है. आप इन्हें डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग, वेबसाइट/ऐप डेवलपमेंट, सोशल मीडिया प्रोमोशन, सेल्स, ऑपरेशन, HR जैसे कामों के लिए आसानी से हायर कर सकते हैं. आपके गाइडेंस में ये बहुत अच्छा काम कर सकते हैं और आपके स्टार्टअप को नई ऊंचाइयां प्रदान कर सकते हैं.


नोटः लेखक Skilling You के संस्‍थापक एवं सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.


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