Startup Classroom: हमने अक्सर लोगों को ये बोलते और कहते हुए सुना है कि सुबह सुबह नेगेटिव बातें मत करो क्योंकि दिन ख़राब हो जाता है, बात भी सही है, कई बार होता है कि आप जैसे ही फुल एनर्जी में तैयार होकर ऑफिस के लिए निकलते हैं या ऑफिस पहुंचते हैं और किसी की नेगेटिव खबर से आपकी पूरी एनर्जी डाउन हो जाती है और फिर आपका दिन ऐसे ही निकल जाता है. लेकिन यहां बात बस आपकी और हमारी नहीं हो रही है, ये बात बिज़नेस में भी उतनी ही लागू होती है जितनी आम जिंदगी में. 


लगभग हर बिज़नेस की शुरुआत मॉर्निंग मीटिंग या मॉर्निंग हडल से शुरू होती है, अलग अलग ऑफिस में इसे अलग अलग नाम से जाना जाता है लेकिन, काम वही होता है, कि पुरे दिन हफ्ते का एजेंडा सेट करना, कि आज हमें क्या करना है, क्या अचीव करना है और पीछे बीते दिन में क्या किया. लेकिन मैंने अपने कॉर्पोरेट अनुभव में देखा है कि बहुत से लीडर्स इस मॉर्निंग मीटिंग को ऐसा बना देते हैं, जो लोगों में एनर्जी भरने के जगह, एनर्जी ड्रेन कर देती है, तो चलिए आज बात करते हैं कि एक फाउंडर, मैनेजर और लीडर के रूप में आप किस तरह से अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं. 


पॉजिटिव एनर्जी से शुरू करें सबका दिन


ध्यान रखें, आपका पूरा दिन आपके इस सुबह के कुछ मिनटों पर निर्भर करता है, यहां तक कि ये सुबह के कुछ मिनट्स आपके ऑफिस के कल्चर को सेट करने में काफी मदद करते हैं. तो अगर आप वो हैं जिसके ऊपर मॉर्निंग हडल की जिम्मेदारी है तो आपके चेहरे पर स्माइल होना इस काम की पहली शर्त है. अगर आप स्माइल लेकर मीटिंग रूम में जायेंगे तो आपके साथ पॉजिटिव एनर्जी भी ट्रेवल करेगी और वो आपकी टीम में भी जाएगी. स्माइल को अपनी पहली भाषा बनाइये, ये पूरे ऑफिस को मुस्कराने की आदत में ले आएगी.


पॉजिटिव अचीवमेंट्स से शुरू करें


हमने अक्सर देखा है कि अच्छी बातों और अच्छी चीजों को फॉर-ग्रांटेड ले जाते हैं, लेकिन जो चीजें सही नहीं होती हैं, उसपर ज्यादा डिस्कशन और बातें होती हैं. तो चाहे वो आपकी अपनी पर्सनल लाइफ हो या ऑफिस लाइफ, सबसे पहले टीम में अच्छी बातों को गिनना शुरू करिए, आप देखेंगे की ऐसी बहुत सी बातें होती हैं जो अच्छी होती हैं जिससे दिन की शुरुआत कर सकते हैं, उन्हें एक्नालेज करिए, उसके लिए तालियां बजाइए, आप देखेंगे कि आपके टीम को इसमें ज्यादा मज़ा आएगा और वो इसे रिपीट करने के लिए और भी कोशिश करेंगे.  


तारीफ सबके सामने और फीडबैक प्राइवेट तरीके से


इसे अपना मंत्रा बना लीजिये, आपकी टीम कुछ अच्छा करती है तो उसकी तारीफ सबके सामने होनी चाहिए, लेकिन अगर आपको लगता है कि कुछ सही नहीं हुआ है, तो उसे हमेशा बंद रूम में शेयर करिए. हर व्यति का नेचर अलग होता है, कुछ लोगों को सबके सामने बोलने पर वो ज्यादा हर्ट हो जाते हैं और उसके बाद वो उन्हें उससे बाहर आने में ज्यादा वक्त लगता है. 


समस्या ही नहीं, समाधान पर भी हो बात


कुछ लीडर्स की आदत होती है वो प्रॉब्लम की बात तो खूब करते हैं लेकिन उसके समाधान पर चुप रहते हैं, टारगेट सेट कर देते हैं, और साथ ही बोलते हैं मुझे नहीं जहां से करना है करो, मुझे तो बिज़नेस चाहिए. आप लीडर हैं, आपका काम है तरीके निकाल कर देना, आप ये कैसे कह सकते हैं कि मुझे नहीं पता जहां से करना है करो, तो सोचिये अगर आपको ही नहीं पता है तो आपकी टीम को कैसे पता होगा. अगर कुछ बिगड़ गया है तो उसे ठीक नही किया जा सकता है, लेकिन उसके समाधान पर आप अपनी राय दे सकते हैं या पूरी टीम से उस पर बेस्ट सॉल्यूशन क्या हो सकता है इस पर चर्चा कर सकते हैं. 


किसी एक को टारगेट करने से बचें


कई बार मीटिंग्स में किसी एक ही व्यक्ति या डिपार्टमेंट को टारगेट किया जाता है, ऐसे में उस व्यक्ति या डिपार्टमेंट का मोराल डाउन हो जाता है, लीडर को इन आदतों से बचना चाहिए. ऐसे केसेस में आप बोर्डरूम डिस्कशन करके उसे ठीक कर सकते हैं.


बस बिज़नेस ही नहीं मस्ती भी


किसी किताब में नहीं लिखा है कि मॉर्निंग हडल में बस बिज़नेस ही डिस्कस होना चाहिए. मोर्निग मीटिंग का एजेंडा है, दिन की बेहतर शुरुआत करना और मिशन पूरा करना, ऐसे में कुछ इधर उधर की बातें करके उसे फन में तब्दील करा जा सकता है, साथ ही बातों बातों में ट्रेनिग और फीडबैक से उससे लर्निंग भी निकली जा सकती है. 


उम्मीद है, आप की मॉर्निंग मीटिंग, नेगेटिव होने से बच रही है और आपमें और आपके टीम में मोटिवेशन और फुल एनर्जी लेकर आ रही है.



नोटः लेखक Skilling You के संस्‍थापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.


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