Sovereign Gold Bond: सोना (Gold) खरीदारी की चाहत रखने वालों के लिए आज से सुनहरा मौका है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का नौवां चरण Sovereign Gold Bond scheme 2021-22 (Series IX) आज से शुरू हो चुका है. स्कीम के तहत आज यानी 10 जनवरी से 14 जनवरी तक सोने की सस्ते में खरीदारी कर सकते हैं.


क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सोने का प्राइस
RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2021-22 की नौवीं सीरीज के लिए 4786 रुपये प्रति ग्राम का इश्यू प्राइस तय किया गया है. आरबीआई ने इस नौवें चरण के लिए सोने का 4786 रुपये प्रति गाम का प्राइस पिछली सीरीज के मुकाबले कम रेट पर तय किया है. 


नौवीं सीरीज में कम किया प्राइस
सरकार ने आठवीं सीरीज के इश्यू प्राइस से नौवीं सीरीज में 5 रुपये प्रति ग्राम की कमी की है. आठवीं सीरीज के लिए 4791 रुपये प्रति ग्राम का इश्यू प्राइस तय किया गया था और आज से शुरू हो रही नौवीं सीरीज के लिए 4786 रुपये का प्राइस तय हुआ है. 


ऑनलाइन खरीदेंगे तो और सस्ता मिलेगा
अगर आप ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सोना खरीदते हैं तो इस पर 50 रुपये का डिस्काउंट और हासिल कर सकते हैं. यानी प्रति ग्राम 4736 रुपये के भाव पर आप ऑनलाइन गोल्ड खरीद सकते हैं. 


इसमें कैसे करें ऑनलाइन इंवेस्ट
एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर गोल्ड बॉन्ड की यूनिट खरीदें और उसके मूल्य के बराबर का अमाउंट आपके डीमैट खाते से जुड़े अकाउंट से कट जाते हैं. 


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शर्त
इसमें 5 साल का लॉकइन पीरीयड होता है और ये 8 साल बाद मैच्योर होते हैं. अगर आप 5 साल के बाद ही इन्हें बेचना चाहते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के हिसाब से 20.80 फीसदी चार्ज देना होगा. अगर 8 साल तक रखते हैं और बॉन्ड मैच्योर हो जाते हैं तो आपको इनके बेचने पर मिले लाभ पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.


कैसे कर सकते हैं इसमें इंवेस्ट
RBI ने बैंक की ब्रांचेज, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SHCIL) के जरिए इसमें इंवेस्ट करने का ऑप्शन दिया है. आपको अगर ऑफलाइन खरीदना है तो इन जगहों पर जाकर इंवेस्ट कर सकते हैं. 


क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की खासियत
इसकी सबसे अच्छी खासियत ये है कि जहां सोना सस्ते रूप में मिलता है वहीं इंवेस्टेड रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड रिटर्न मिलता है जो हर छमाही यानी 6 महीने पर आपके अकाउंट में आता है. ये स्लैब के हिसाब से टैक्सेबल है. 
इसका एक फायदा और है कि आप एक वित्त वर्ष में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक का सोने की वैल्यू के बराबर गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. 
इसमें सोने की आम खरीदारी की तरह जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को स्टॉक एक्सचेंज में भी आसानी से बेचा जा सकता है.
फिजिकल गोल्ड की जगह इन बॉन्ड को रखने में सुरक्षित विकल्प मिलता है.


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