Sovereign Gold Bond: कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान गोल्ड की तरफ निवेशकों का रुख काफी बढ़ा है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की तरफ निवेशक काफी आकर्षित रहे हैं और अब एक बार फिर से आपको सस्ता सोना खरीदने का मौका मिल रहा है. केंद्र सरकार आपको कल से यानी 20 जून सस्ते में गोल्ड खरीदने का चांस दे रही है.  


गोल्ड बॉन्ड की तरफ बढ़ा झुकाव
आपको बता दें साल 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा है. इन दो सालों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 फीसदी है.


कितना तय किया गया है प्राइस?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की अगली किस्त की बिक्री सोमवार से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगी. इस किस्त के लिए गोल्ड का इश्यू प्राइस 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा.


ऑनलाइन पेमेंट पर मिलेगा डिस्काउंट
सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा.


जानिए क्या कहते हैं आकंड़े?
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं. वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 फीसदी है.


आरबीआई ने कितनी जुटाई राशि?
आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई. केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई.


मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है. इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है.


सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं बॉन्ड
केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है. ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है. आरबीआई ने कहा है कि एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है. इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है.


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