National Stock Exchange: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने सोमवार को ऐलान किया कि छोटे और मध्यम कारोबार (एसएमई) खंड के शेयरों को अतिरिक्त निगरानी सिस्टम और ट्रेड टू ट्रेड निपटान के ढांचे के तहत लाया जाएगा. इससे शेयरों में हेरफेर और सट्टेबाजी की गुंजाइश कम हो जाएगी. 


एनएसई का यह ऐलान ऐसे समय पर आया है जब सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा एसएमई शेयरों में कथित हेरफेर, उच्च सट्टेबाजी पर ज्यादा गौर किया जा रहा है. छोटे और मध्यम शेयरों पर निगरानी से निवेशक नुकसान से भी बच सकते हैं. 


शेयरों की निगरानी होने पर क्या होगा? 


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अपने बयान में कहा है कि अगर कोई एसएमई शेयर हाई और कम कीमत के बीच गंभीर अंतर और मासिक औसत की तुलना में मात्रा में अंतर समेत कुछ मानदंडों के अंतर्गत आते हैं तो इन शेयरों को एएसएम यानी अतिरिक्त निगरानी के तहत लाया जाएगा. निगरानी के तहत इन शेयरों को केवल डिलीवरी के लिए खरीदा और बेचा जा सकता है. यह इंट्राडे के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. एनएसई ने कहा कि ट्रेड फॉर ट्रेड सेगमेंट में जाने वाले शेयरों की पहचान करने की प्रक्रिया पाक्षिक और ट्रेड से ट्रेड में जाने वाले स्टॉक तिमाही आधार पर होंगे. 


शेयरों पर निगरानी कार्रवाई नहीं


एनएसई ने कहा कि एक्सचेंजों और सेबी की संयुक्त निगरानी बैठक के मुताबिक, मौजूदा ट्रेड फॉर ट्रेड (टीएफटी) फ्रेमवर्क को कुछ बदलावों के अधीन छोटे और मध्यम उद्यम शेयरों तक बढ़ाया जाएगा. एनएसई के मुताबिक, टीएफटी ढांचा एक्सचेजों की ओर से समय-समय पर लगाए जाने वाले अन्य सभी निगरानी उपायों के साथ संयोजना में होगा. इसके अलावा, यह भी गौर करना चाहिए कि टीएफटी के तहत शेयरों की शॉर्टलिस्टिंग पूरी तरह से बाजार निगरानी के कारण होती है और इसे शेयरों पर कार्रवाई के तौर पर नहीं माना जा सकता है. 


लॉट में खरीद सकते हैं एसएमई शेयर 


गौरतलब है कि एसएमई शेयरों का कारोबार केवल लॉट में किया जाता है, जिसका मतलब है कि आप एक या दो शेयर नहीं खरीद सकते हैं. अलग-अलग एसएमई के लिए लॉट साइज अलग-अलग होती है. एसएमई स्टॉक कुछ मानदंडों को पूरा करने के बाद, वह मेनबोर्ड पर जाने का विकल्प चुन सकता है. इसके बाद लॉट साइज प्रतिबंध हटा दिया जाता है, जिसका मतलब है कि आप एक शेयर भी खरीद सकते हैं. 


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