Small Saving Schemes Interest Rates: केंद्र सरकार की छोटी बचत योजनाओं के तहत पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी कई योजनाएं चलाई जाती हैं. इन योजनाओं के ब्याज हर तिमाही आधार पर तय किए जाते हैं. जनवरी से मार्च के दौरान केंद्र सरकार की ओर से इसमें से कुछ योजनाओं के लिए ब्याज बढ़ाया गया था. 


नए वित्त वर्ष 2023-24 या अप्रैल 2023 से इन योजनाओं के लिए नया तिमाही सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि क्या सरकार पब्लिक प्रोविडेंड फंड, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट जैसी योजनाओं का ब्याज बढ़ाएगी? 


कैसे होती है छोटी बचत योजना के तहत ब्याज की गणना 


सेकेंड्री मार्केट में स्माल सेविंग स्कीम्स का ब्याज दर गर्वमेंट सिक्योरिटी के मार्केट यील्ड से जुड़ा हुआ है. पिछले तीन महीनों के पफाॅर्मेंश बेस पर स्माल सेविंग स्कीम के ब्याज का फाॅर्मुला तय है. सरकार पिछले तीन महीने के पफाॅर्मेंश बेस पर इसका फैसला करती है कि क्या इन योजनाओं का ब्याज बढ़ेगा या नहीं? ये श्यामला गोपीनाथ समिति 2011 के समिति के सिफारिशों के आधार पर है. 


क्या बढ़ेगी इन योजनाओं की ब्याज दर 


वित्त वर्ष 2016 में अधिसूचित फाॅर्मूले के मुताबिक, पीपीएफ में 25 बीपीएस, सुकन्या समृद्धि योजना में 75 बेसिस प्वाॅइंट और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में 100 बेसिस प्वाॅइंट की बढ़ोतरी हो सकती है. दिसंबर से फरवरी 2022 तक बेंचमार्क 10 साल की बॉन्ड यील्ड औसतन 7.37 फीसदी रही है.


कितना हो जाएगा ब्याज दर 


ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीपीएफ 10 साल के जी सेक यील्ड के आधार पर 25 बेसिस प्वाॅइंट बढ़ेगा. हालांकि अभी 7.1 ब्याज है, जिस आधार पर इसका ब्याज 7.6 फीसदी हो सकता है. वहीं सुकन्या समृद्धि योजना का ब्याज 7.6 प्रतिशत ब्याज दर से जल्द ही 8.1 प्रतिशत तक हो सकता है. 


कुछ योजनाओं के ब्याज दर में हुई थी बढ़ोतरी 


मार्च तिमाही के लिए सरकार ने कुछ योजनाओं के ब्याज दर में इजाफा किया था. सरकार की ओर से 20 बीपीएस से लेकर 110 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई थी. हालांकि पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज में इजाफा नहीं किया था. 


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