भारत बॉन्ड ईटीएफ के पिछले रिटर्न देख कर नई सीरीज के बॉन्ड निवेशकों के सामने यह सवाल पैदा हो गया है कि क्या ये भी पिछली सीरीज के बॉन्ड जैसा ही बढ़िया रिटर्न देंगे. भारत बॉन्ड ईटीएफ की नई सीरीज के निवेशकों को ( अप्रैल, 2025 और अप्रैल 2031) को लग रहा है कि यह भी ईटीएफ की पुरानी सीरीज ( अप्रैलस 2023 और अप्रैल 2030) की तरह ही रिटर्न देगी. लेकिन हो यह रहा है कि अब तक दूसरी सीरीज के भारत बॉन्ड ईटीएफ के निवेशक पैसा गंवा रहे हैं.


निकल जाएं या बनें रहें?


पिछले महीने लॉन्च हुए भारत बॉन्ड ईटीएफ 2031 सीरीज का यील्ड 2.47 फीसदी घट चुका है. तो क्या उनके सामने यही रणनीति बचती है कि सेकेंड सीरीज के बॉन्ड से निकल जाएं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यह पारदर्शी तरीके से रनिंग यील्ड का खुलासा कर रहा है. निवेशकों का यह नहीं देखना चाहिए कि पहले कितना रिटर्न मिल रहा था, उन्हें यह देखना चाहिए कि रनिंग यील्ड कितना है. और रनिंग यील्ड सिर्फ भारत बॉन्ड ईटीएफ में ही दिखता है. दूसरी डेट स्कीमों में इसके लिए महीने का आखिर तक इंतजार करना पड़ता है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स? 


एक्सपर्ट्स का कहना है कि दस साल की अवधि में भारत बॉन्ड ईटीएफ की दूसरी सीरीज का यील्ड 6.8 फीसदी है. यह बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं है. लिहाजा निवेशकों को लंबे लॉक-इन पीरियड वाले किसी दूसरे प्रोडक्ट की ओर रुख करना चाहिए जो हाई रिटर्न दे रहे हों. अगर अब आप ऊंची टैक्स देनदारी के दायरे में आते हैं तो भारत बॉन्ड ईटीएफ आपके मुफीद साबित हो सकता है.


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