Shiprocket IPO: ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स कंपनी शिपरॉकेट ने (Shiprocket) ने अगले साल यानी कि 2025 में आईपीओ लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसमें ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो (Zomato) और सिंगापुर की सरकारी निवेश फर्म टेमासेक (Temasek) की भी हिस्सेदारी है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने इसके लिए एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें आईपीओ के लिए रोडमैप तैयार करने के अलावा इसमें एडवाइजर्स की भूमिका और उनकी जिम्मेदारियों पर भी चर्चा की गई.
कंपनी का 2,000-2500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान
एक सूत्र ने इस बारे में कहा, डील पर काम शुरू हो गया है. अभी शुरुआती दिनों में इसकी साइट और स्ट्रक्चर को लेकर कुछ भी फाइनल तय नहीं किया गया है. हालांकि, कंपनी का प्लान पब्लिक इश्यू के जरिए 2,000-2500 करोड़ रुपये जुटाने का है. इसमें कई निवेशक है और इस पब्लिक इश्यू में मुख्य रूप से OFS या ऑफर फॉर सेल के शामिल होने की उम्मीद है. अगर जरूरत पड़ी तो एक फ्रेश इश्यू कॉम्पोनेंट को भी शामिल किया जा सकता है.
कंपनी के इंवेस्टर्स में ये भी हैं शामिल
इसके अलावा दो और लोगों ने भी इस डील को लेकर हांमी भरी है. इनमें से एक का कहना है, एक्सिस कैपिटल, कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल और बोफा सिक्योरिटीज इस इश्यू पर काम करने वाले इंवेस्टर बैंक हैं. इन सभी तीन लोगों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर ये बातें कीं.
शिपरॉकेट की वेबसाइट से पता चलता है कि वह जोमैटो और टेमासेक के अलावा इन्फो एज वेंचर्स, पेपाल, बर्टेल्समैन इंडिया इन्वेस्टमेंट्स, लाइटरॉक और मार्च कैपिटल को भी अपने प्रमुख निवेशकों में गिनता है। इसके अलावा, इस महीने की शुरुआत में CCI ने जापान के MUFG बैंक और अमेरिकी KDT वेंचर होल्डिंग्स को भी फर्म की कुछ हिस्सेदारी के अधिग्रहण की अनुमति दी।
पिछले साल कंपनी ने जुटाए थे इतने करोड़
शिपरॉकेट ने अक्टूबर 2023 में मैकिन्से से एक्सटेंडेड सीरीज ई राउंड में 90.7 करोड़ रुपये या 11 मिलियन डॉलर जुटाए थे.तब से नए फंडिंग को लेकर चर्चाएं जोरों पर है, लेकिन इस पर अभी औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन कंपनी शिपरॉकेट का रेवेन्यू सालाना 21 फीसदी बढ़कर 1,316 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान कंपनी को 595 करोड़ रुपये का घाटा भी हुआ.
भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में उपलब्ध
साहिल गोयल और गौतम कपूर ने इस कंपनी की शुरुआत 2012 में की थी, जो 25 से ज्यादा अपने कूरियर पार्टनर्स के साथ भारत के अलावा दुनिया के कई अलग-अलग देशों में इंटरनेशनल शिपिंग का काम संभालती है. इसकी सेवा भारत के 24 हजार से अधिक जगहों और दुनिया के 200 देशों में उपलब्ध है.
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