Bengaluru Real Estate: बेंगलुरु में फ्लैट्स के दाम सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चा का विषय रहते हैं. यहां का रियल एस्टेट मार्केट भी तेजी से उभर रहा है. ऐसे में सवाल यह आता है कि 2 करोड़ के फ्लैट के लिए सैलरी कितनी होनी चाहिए ताकि आप EMI का बोझ अच्छे से उठा सके. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर फिर से बेंगलुरु के रियल एस्टेट मार्केट को लेकर बहस छिड़ गई है. एक यूजर ने लिखा, मार्केटिंग के चक्कर में मत पड़ो. सुकून अपनी हैसियत के हिसाब से घर लेने में है, न कि जरूरत से ज्यादा कीमती फ्लैट के मालिक होने में. 

Continues below advertisement

Reddit में फिर छिड़ी बहस 

दरअसल, Reddit पर एक यूजर ने पोस्ट करते हुए लिखा कि उन्होंने दो साल पहले डोमसेंड्रा में 78 लाख रुपये में एक 3BHK खरीदा था. यूजर ने अपने पोस्ट में सवालिया अंदाज में कहा कि पता नहीं आजकल लोग कैसे 1.5-2 करोड़ का फ्लैट खरीद ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि 4 लाख रुपये महीने की कमाई में इतना महंगा फ्लैट खरीदना उनकी सोच से भी परे है. उन्होंने कहा, ज्यादातर लोग 2 करोड़ रुपये के घर ले रहे हैं, उन्हें सैलरी कितनी मिलती होगी? 

किस्त भरने में छूट रहे पसीने 

उनके इस पोस्ट से सहमत होते हुए एक दूसरे यूजर ने माना कि वह 3 लाख रुपये महीना कमाते हैं, लेकिन बावजूद इसके 2023 में 90 लाख रुपये में खरीदे गए फ्लैट की किस्त भरने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा, मुझे 20 साल और ईएमआई चुकाने हैं यह सोचकर भी डर लगता है. इस पर एक और यूजर ने लिखा कि यह लोगों की माइंडसेट पर निर्भर करता है कि वह सालों किराया चुकाना पसंद करेंगे या ईएमआई चुकाकर अपना खुद का एक घर खरीदना पसंद करेंगे. 

Continues below advertisement

EMI प्रेशर कम करने के और भी कई तरीके

हालांकि, कई रेडिटर्स का यह भी मानना है कि 2 करोड़ का घर खरीदने का मतलब यह नहीं है कि आपको हमेशा लंबा ईएमआई चुकाना पड़े. इस दबाव को कम करने के कई और भी तरीके हैं. एक यूजर ने सुझाव देते हुए अधिक पैसा बचाने और कम ब्याज के भुगतान के लिए ओवरड्राफ्ट होम लोन लेने का सुझाव दिया. इसमें टैक्स बेनिफिट भी शामिल है. हालांकि, कुछ यूजर्स ने प्राइवेट सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी की भी आशंका जताई.

रेजिडेंशियल रियल एस्टेट मार्केट को झटका

इस बीच, ICRA की एक चौंकानेवाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि कारोबारी साल 26 में बेंगलुरु समेत देश के शीर्ष सात महानगरों में रेजिडेंशियल रियल एस्टेट का मार्केट 3 परसेंट तक गिर सकता है. रेटिंग एजेंसी ने अफोर्डेबलिटी को इसका प्रमुख कारण माना, जिससे बिक्री में गिरावट आएगी.

कारोबारी साल 2023-25 तक रेजिडेंशियल यूनिट के एवरेज सेलिंग प्राइस में 10 परसेंट तक का उछाल आया है. इससे घर खरीदना अब लोगों की बजट से कोसों दूर जा रहा है. कारोबारी साल 26 में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई और कोलकाता में रेजिडेंशियल सेल लगभग 620-640 मिलियन स्क्वॉयर फीट में सिमट कर रह जाएगी. 

 

ये भी पढ़ें: 

24. 22 या 18, कितने कैरेट का गोल्ड खरीदना है सही? किसमें की जाती है सबसे ज्यादा मिलावट?