पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू बाजार में शानदार रैली रिकॉर्ड की गई. 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 25 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि एनएसई का निफ्टी50 इस दौरान 28 पर्सेंट से ज्यादा मजबूत हुआ. शेयर बाजार की इस रैली से बाजार के प्रति नए निवेशकों के मन में आकर्षण बढ़ा.


पहली बार 15 करोड़ के पार आंकड़ा


नए निवेशकों के आंकड़ों से इसका पता चलता है. आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बाजार में करीब 3.7 करोड़ नए डीमैट अकाउंट ओपन किए गए. इसका मतलब हुआ कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के दौरान बाजार में हर महीने औसतन 30 लाख से ज्यादा नए डीमैट अकाउंट खुले. वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार डीमैट अकाउंट होल्डर्स की कुल संख्या 15 करोड़ के पार निकली.


एक साल में इतनी बढ़ी संख्या


मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों डिपॉजिटरीज सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (सीडीएसएल) और नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के पास खुले डीमैट अकाउंट की कुल संख्या अब 15.14 करोड़ पर पहुंच गई है. यह आंकड़ा साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2022-23 में 11.45 करोड़ पर था. इस तरह एक साल में डीमैट अकाउंट की संख्या 11.9 फीसदी बढ़ी है.


4 साल में 4 गुना डीमैट अकाउंट


भारत में शेयर बाजार के निवेशकों की संख्या में हालिया कुछ सालों में शानदार बढ़ोतरी हुई है. खासकर कोरोना महामारी के बाद शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में कुल 4 करोड़ डीमैट अकाउंट खुले हुए थे. अभी संख्या 16 करोड़ के स्तर को छूने की कगार पर है. यानी पिछले 4 सालों डीमैट अकाउंट की संख्या 4 गुनी हुई है.


लाख करोड़ क्लब में शामिल कंपनियां


पिछले कुछ साल में शेयर बाजार ने शानदार रैली दिखाई है. इस कारण लोग अतिरिक्त कमाई करने के लिए शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं. खासकर नई उम्र के इन्वेस्टर रूढ़ियों को तोड़ रहे हैं और ज्यादा रिटर्न पाने के लिए ज्यादा रिस्क उठाने को तैयार हैं. बाजार की रैली का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान घरेलू शेयर बाजार में ऐसी कंपनियों की संख्या लगभग डबल होकर 80 पर पहुंच गई, जिनका एमकैप 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. साल भर पहले ऐसी कंपनियों की संख्या सिर्फ 48 थी.


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