Share Market Closing on 30 August: वैश्विक दबावों के चलते आज घरेलू शेयर बाजार ने शुरुआती तेजी खो दी और लगभग पुराने स्तर पर ही बंद हुए. दोनों प्रमुख घरेलू सूचकांकों बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) कारोबार के दौरान ठीक बढ़त में थे, लेकिन बाद में उन्होंने तेजी गंवा दी. हालांकि मिड कैप और स्मॉल कैप में रैली का क्रम बरकरार रहा.


इस स्तर पर बंद हुआ बाजार


घरेलू शेयर बाजार ने बुधवार को कारोबार की शुरुआत तेजी के साथ की थी. सेंसेक्स कल के मुकाबले बढ़त लेकर 65,311.58 अंक पर खुला था. इससे पहले मंगलवार को सेंसेक्स 65,075.82 अंक पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 65,460 अंक के उच्च स्तर तक गया, लेकिन आखिरी घंटों में बाजार में गिरावट हुई और अंत में यह सूचकांक मामूली 11 अंक की बढ़त के साथ 65,087.25 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 5 अंकों की मामूली तेजी के साथ 19,347.45 अंक पर रहा.


ऐसा रहा बड़ी कंपनियों का हाल


बड़ी कंपनियों को देखें तो सेंसेक्स की 30 में से 17 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 13 शेयर नुकसान में रहे. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर पर आज अपर सर्किट लगा. टाटा स्टील में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखी गई. महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, इंफोसिस और एचसीएल टेक जैसे शेयरों में 1-1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई. वहीं दूसरी ओर पावरग्रिड कॉरपोरेशन में सबसे ज्यादा करीब 1.60 फीसदी की गिरावट आई. एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक में 1-1 फीसदी की गिरावट रही.


ब्रॉडर मार्केट में रैली बरकरार


ब्रॉडर मार्केट में रैली का क्रम बरकरार रहा. मिड कैप और स्मॉल कैप ने आज फिर मेजर इंडिसेज को मात दी. जहां सेंसेक्स लगभग फ्लैट रहा, वहीं बीएसई मिड कैप सूचकांक 0.55 फीसदी की बढ़त लेने में सफल रहा. बीएसई स्मॉल कैप सूचकांक 0.83 फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ.


बाजार भले ही स्थिर रहा, लेकिन आज के कारोबार में करीब 250 शेयरों ने कारोबार के दौरान 52-सप्ताह के उच्च स्तर को छुआ. ऐसे शेयरों में एक्सिस बैंक, भारत फॉर्ज और इंडियन होटल्स कंपनी जैसे शेयर शामिल रहे.


इतने अमीर हो गए बाजार के इन्वेस्टर


बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बढ़कर करीब 310.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. एक दिन पहले यह 309 लाख करोड़ रुपये के आस-पास था. इस तरह बाजार के फ्लैट रहने के बाद भी शेयर बाजार के निवेशकों की दौलत करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई.


आज बाजार की गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक संकेत रहा. अमेरिकी बाजारों में गिरावट आने के बाद एशियाई बाजारों के ऊपर आज प्रेशर बना रहा. जिसके चलते अंतत: भारतीय शेयर बाजार भी दबाव का शिकार हो गए.


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