भारत की घरेलू डिजिटल पेमेंट प्रणाली यूपीआई की डिमांड पूरी दुनिया में बढ़ रही है. हाल ही में कई देशों ने यूपीआई को अपनाया है. अब जापान और कई पश्चिमी देश यूपीआई लिंकेज में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
गवर्नर दास ने दी जानकारी
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बताया कि यूपीआई के अंतरराष्ट्रीयकरण का काम लगातार चल रहा है. कुछ पश्चिमी देशों और जपान समेत विभिन्न विदेशी डिजिटल भुगतान प्रणालियों के साथ यूपीआई को आने वाले दिनों में लिंक किया जा सकता है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद इसकी जानकारी दी.
एमपीसी की हालिया बैठक
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 8-10 अगस्त के दौरान हुई. एमपीसी ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया. बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने रेपो रेट पर एमपीसी के फैसले के अलावा भी कई महत्वपूर्ण बातें बताई, जिनमें यूपीआई का इंटरनेशनल लिंकेज भी शामिल रहा.
यहां से हुई शुरुआत
यूपीआई को विदेशी भुगतान प्रणाली के साथ लिंक करने की शुरुआत इसी साल फरवरी में हुई थी. उस समय यूपीआई को सिंगापुर की प्रणाली पेनाउ के साथ लिंक करने की घोषणा की गर्इ थी. इससे दोनों देशों के बीच भुगतान तेज हुआ और उसमें पारदर्शिता सुनिश्चित हुई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और मनीटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर के मैनेजिंग डाइरेक्टर रवि मेनन ने 21 फरवरी 2023 को लिंकेज की लॉन्चिंग की थी.
यूएई के भी साथ हो चुका ऐलान
हाल ही में यूपीआई को संयुक्त अरब अमीरात पहुंचाने का भी समझौता हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया यूएई यात्रा के दौरान यूपीआई को संयुक्त अीब अमीरात की डिजिटल भुगतान प्रणाली इंटीग्रेटेड पेमेंट प्लेटफॉर्म के साथ लिंक करने का ऐलान किया गया था. गवर्नर दास ने कहा कि अब कई अन्य देश भी इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिससे यूपीआई का अंतरराष्ट्रीयकरण सुनिश्चित हो रहा है.
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